कांग्रेस का दावा, वॉट्सऐप ने फोन हैकिंग की संभावना के बारे में प्रियंका को सतर्क किया था

वॉट्सऐप ने मई के अलावा सितंबर में भी 121 भारतीयों पर स्पाइवेयर हमले के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी थी. हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे वॉट्सऐप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी.

New Delhi: All India Congress Committee (AICC) General Secretary of Uttar Pradesh East Priyanka Gandhi Vadra during the Congress General Secretaries meet, in New Delhi, Thursday, Feb. 07, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma) (PTI2_7_2019_000133B)
New Delhi: All India Congress Committee (AICC) General Secretary of Uttar Pradesh East Priyanka Gandhi Vadra during the Congress General Secretaries meet, in New Delhi, Thursday, Feb. 07, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma) (PTI2_7_2019_000133B)

वॉट्सऐप ने मई के अलावा सितंबर में भी 121 भारतीयों पर स्पाइवेयर हमले के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी थी. हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे वॉट्सऐप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी.

New Delhi: All India Congress Committee (AICC) General Secretary of Uttar Pradesh East Priyanka Gandhi Vadra during the Congress General Secretaries meet, in New Delhi, Thursday, Feb. 07, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma) (PTI2_7_2019_000133B)
प्रियंका गांधी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीते रविवार को दावा किया कि पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को वॉट्सऐप से एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनके फोन के हैक होने की आशंका है. हालांकि, पार्टी ने यह नहीं बताया कि प्रियंका को यह संदेश कब प्राप्त हुआ था.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप (वॉट्सऐप) से एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संदेश मिलने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त वॉट्सऐप से इसी तरह का एक संदेश प्राप्त हुआ था.’

सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका को लगभग उसी वक्त संदेश प्राप्त हुआ था, जब वॉट्सऐप इस तरह के संदेश उन लोगों को भेज रहा था जिनके मोबाइल फोन कथित तौर पर हैक हुए थे.

सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), ये नेशनल इंटरनेट बैकबोन पर चलता है, जो वीएसएनएल व बीएसएनएल चलाती है, वहां भी ये पेगासस स्पाईवेयर पाया गया है. अगर ऐसा है, तो देश की सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद से लेकर देश की प्रांतीय सरकार तक, कुछ भी बचा नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह साफ है कि भारत सरकार को अप्रैल-मई 2019 मे इस टेलीफोन हैक की जानकारी थी, ये उस समय हो रहा था जब देश मे संसद के चुनाव हो रहे थे. सितंबर 2019 के पहले हफ्ते मे फिर वॉट्सऐप ने लिखित मे ये जानकारी दी परंतु मोदी सरकार पूर्णतया चुप्पी साधे रही.’

मालूम हो कि वॉट्सऐप ने मई के अलावा सितंबर में भी 121 भारतीयों पर स्पाइवेयर हमले के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी थी. हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे वॉट्सऐप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी.

वॉट्सऐप ने सरकार द्वारा उससे पिछले सप्ताह पेगासस स्पाइवेयर घटना पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. इजरायली स्पाइवेयर के जरिए कथित रूप से भारत सहित दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी.

आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उन्हें वॉट्सऐप से जवाब मिल गया है और अभी उसका अध्ययन किया जा रहा है. इस पर जल्द अंतिम राय तय की जाएगी.

वॉट्सऐप ने पिछले हफ्ते गुरुवार को कहा था कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों ने दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की. इनमें भारतीय पत्रकार और कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

वॉट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है.

माना जा रहा है इस कंपनी ने ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिए कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं. इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन कहा गया है जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं वे चार महाद्वीपों में फैले हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)