उत्तर प्रदेश: अयोध्या में कड़ी सुरक्षा, सभी ज़िलों में बनाई गई अस्थायी जेल, स्कूल बंद

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र अयोध्या छावनी में तब्दील. अयोध्या के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी की गई. धारा 144 लागू. 21 ज़िलों को संवेदनशील घोषित किया गया.

अयोध्या पुलिस (फोटोः पीटीआई)

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र अयोध्या छावनी में तब्दील. अयोध्या के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी की गई. धारा 144 लागू. 21 ज़िलों को संवेदनशील घोषित किया गया.

Ayodhya: Police personnel stand guard at a barricade point ahead of 'Deepotsav' festival, in Ayodhya, Wednesday, Oct. 23, 2019. (PTI Photo) (PTI10_23_2019_000031B)
(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शनिवार सुबह फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन राज्य के 31 जिलों में विशेष सतर्कता बरत रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाई है, जबकि कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है ताकि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें न फैलाई जा सकें.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री और राज्य सरकार के बीच नियमित संवाद जारी है और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 4,000 जवान उत्तर प्रदेश में तैनात किए गए हैं.

अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर 670 लोगों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित की जा सकती हैं.

राज्य सरकार ने 31 जिलों को संवेदनशील बताया है. पूरे उत्तर प्रदेश में पहले ही सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है.

उत्तर प्रदेश में कड़ी चौकसी, धारा 144 लागू, 21 ज़िले संवेदनशील

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है.

प्रदेश के अलीगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर और मेरठ सहित 21 जिले संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां अर्द्धसैनिक बल, पीएसी और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की तैनाती की गई है.

हालात को सामान्य रखने के लिए प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं. अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वहीं, आसपास के इलाकों में अवरोधक लगाए गए हैं.

इसके अलावा लोगों से शांति का अनुरोध करने के लिए धर्म गुरुओं की मदद ली गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह अदालत के फैसले को हार-जीत के साथ जोड़कर न देखें. उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को हर हाल में बनाए रखा जाए.

गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि अयोध्या मामले पर फैसले के मद्देनजर बेहद कड़ी चौकसी बरती जा रही है और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी, जो भी व्यक्ति किसी भी तरह की हिमाकत करेगा, उसके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई होगी.

उन्होंने कहा, ‘हमारी 100 प्रतिशत तैयारी है. पूरे प्रदेश में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. जोनल और सेक्टर स्कीम पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है. सभी जगह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हैं. मेरी अपील है कि सभी लोग शांति बनाए रखें. किसी भी तरह की कोई कठिनाई नहीं होगी. सभी लोग इसमें सहयोग दें.’

गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के 21 जिलों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इनमें मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ, मुरादाबाद और आगरा जिले भी शामिल हैं. इन जिलों में अर्धसैनिक बल पीएसी और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की तैनाती की गई है.

अवस्थी ने कहा कि सोशल मीडिया पर खास तौर पर नजर रखी जा रही है और अफवाह तथा भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोपों में अब तक 71 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अयोध्या में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम

फैसले के मद्देनजर अयोध्या छावनी में बदल गयी है. जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गई है. शहर के हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. आसमान से ड्रोन कैमरे चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं.

अयोध्या की सुरक्षा के प्रभारी एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया, ‘अयोध्या में सुरक्षा के लिए 60 कंपनी पीएसी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं. इसमें 15 कंपनी पीएसी, 15 कंपनी सीआरपीएफ और 10 कंपनी आरएएफ हाल में अयोध्या आई है जबकि 20 कंपनी पीएसी पहले से ही यहां तैनात थी. इसके अलावा दूसरे जनपदों से आए सुरक्षाकर्मियों में 1500 सिपाही, 250 सब इंस्पेक्टर, 150 इंस्पेक्टर, 20 डिप्टी एसपी, 11 एडिशनल एसपी तथा दो एसपी तैनात किए गए हैं.’

इसके साथ ही आसमान से निगरानी के लिए कैमरे युक्त 10 ड्रोन तैनात किए गए हैं. शहर के सभी 30 चौराहों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. इनकी निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.

आईपीएस आशुतोष पांडेय पहले भी अयोध्या में तैनात रह चुके हैं. नवंबर 2018 में अयोध्या में धर्म संसद के आयोजन के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन्हीं की थी.

पांडेय ने बताया कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान हैं उसके आसपास के इलाके को ‘यलो जोन’ बनाया है और वहां पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत किया गया है. इस इलाके में राम लला के दर्शन करने जा रहे लोगों की गहन जांच की जा रही है और हर व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

पूरे अयोध्या शहर को तीन जोन, 31 सेक्टर और 35 सब सेक्टर में बांटा गया है. उन्होंने बताया कि रामलला के दर्शन के लिये अधिक लोगों के आ जाने पर शहर के बाहर होल्डिंग एरिया बनाया गया है, जहां दर्शनार्थियों के जत्थों को रोका जायेगा और उन्हें छोटे-छोटे समूहों में दर्शन करने के लिये भेजा जायेगा ताकि एकदम से अयोध्या में भीड़ ना बढ़े.

सुप्रीम कोर्ट के आसपास बढ़ाई गई सुरक्षा

राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुनाए गए फैसले के मद्देनजर शनिवार को अदालत के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई. अदालत परिसर के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है और सभी वाहनों तथा राहगीरों की भी पूरी जांच की जा रही है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर के घरों के बाहर भी दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. ये सभी सुप्रीम कोर्ट की फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा हैं.

उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में अवकाश

अयोध्या मामले पर शनिवार को फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने नौ नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी स्कूल कालेज और शैक्षणिक संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह ने शुक्रवार रात बताया कि प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान कल नौ नवंबर से 11 नवंबर तक बंद रहेंगे. सरकार ने एनसीआर के शहरों नोएडा और गाजियाबाद के सभी स्कूलों, कॉलेजों और प्रशिक्षण केंद्रों को 11 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है.

दोनों जिलों के जिलाधिकारियों की ओर से जारी आदेश के अनुसार, जनपद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के सभी स्कूलों, उच्च शैक्षणिक संस्थानों, ट्रेनिंग सेंटर 9 से 11 नवंबर तक बंद रहेंगे.

जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर बृजेश नारायण सिंह ने सोशल मीडिया पर गलत संदेश प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि अगर सोशल मीडिया पर कोई ऐसा पोस्ट डालता है, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, तो उसके खिलाफ गैंगस्टर व रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.