महाराष्ट्र: शरद पवार ने सोनिया गांधी से की मुलाकात, सरकार गठन की तस्वीर अब तक साफ नहीं

नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन के बारे में चर्चा नहीं की. हमने सिर्फ राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की.

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एनसीपी प्रमुख शरद पवार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन के बारे में चर्चा नहीं की. हमने सिर्फ राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की.

Mumbai: Nationalist Congress Party President Sharad Pawar addresses a press conference, in Mumbai, Wednesday, Sept. 25, 2019. The Enforcement Directorate (ED) has filed a money laundering case against  Sharad Pawar, his nephew Ajit Pawar and others in connection with the Maharashtra State Cooperative Bank (MSCB) scam case. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad)(PTI9_25_2019_000122B)
शरद पवार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. हालांकि उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले और केवल इतना कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने सोनिया को सिर्फ मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी दी है.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसे उन छोटे दलों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा जो कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे.

पवार की सोनिया से मुलाकात से पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

सोनिया से मुलाकात के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार गठन के बारे में चर्चा नहीं की. हमने सिर्फ राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की.’ उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया के साथ मुलाकात के दौरान साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर भी बात नहीं की गई.

पवार ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसे उन सभी पार्टियों के साथ चर्चा करना चाहते हैं, जिन्होंने हमारे साथ चुनाव लड़ा था.

शिवसेना द्वारा 170 विधायकों के समर्थन का दावा किए जाने पर पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कहां से यह 170 सीटों का आंकड़ा आया है. इसके बारे में आपको शिवसेना पूछना चाहिए.

वहीं, शरद पवार के सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत नई दिल्ली में शरद पवार से  मिले. मुलाकात के उन्होंने भी सरकार गठन पर कोई साफ बयान नहीं दिया. उन्होंने कहा, सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जिसकी जिम्मेदारी थी वो भाग गया लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही सरकार बनेगी.

इस मुलाकात के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘शरद पवार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात के बारे में उन्हें अवगत कराया.’

उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया कि अगले एक या दो दिनों में एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधि दिल्ली में फिर मिलेंगे जिसमें आगे के कदमों के बारे में चर्चा होगी.’

सूत्रों का कहना है कि सोनिया और पवार की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के गठन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई. अगले कुछ दिनों में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ हो सकती है.

हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सूत्रों ने कहा है कि तीनों दलों की गठबंधन सरकार पर सहमति बन गई है, जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे. इस योजना के अनुसार, सरकार में कांग्रेस और एनसीपी के एक-एक उपमुख्यमंत्री भी बनेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस-एनसीपी इस बात पर भी सहमत हैं कि ठाकरे पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे. वहीं, तीनों पार्टियों के सीटों की संख्या अनुसार, 42 पदों का बंटवारा होगा.

सोनिया और पवार की मुलाकात से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा की.

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के केरल से ताल्लुक रखने वाले नेता महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनके मुताबिक इससे दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.

उधर, शिवसेना लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री उसका ही होगा. उसने यह दावा भी किया कि कि तीनों पार्टियां साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं.

गौरतलब है कि गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से नयी सरकार को गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

भाजपा-शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए. इसके बाद से शिवसेना, रांकापा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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