यूपी: जमीन मुआवजे को लेकर किसानों के धरने पर लाठीचार्ज के बाद उन्नाव में तनाव, आठ गिरफ़्तार

मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. किसान पिछले दो दिनों से सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.

/
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज का दृश्य. (फोटो: स्क्रीनग्रैब/ ट्विटर)

मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. किसान सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज का दृश्य. (फोटो: स्क्रीनग्रैब/ ट्विटर)
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज का दृश्य. (फोटो: स्क्रीनग्रैब/ ट्विटर)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में अधिग्रहित की गई जमीन के बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर शनिवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज के बाद जिले के तीन गांवों में सोमवार को भी तनाव व्याप्त रहा. हालांकि, भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती के बाद वहां कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, किसानों ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन करने के कारण जिला प्रशासन उन्हें प्रताड़ित कर रहा है और गिरफ्तारी के डर से युवा अपने घरों से भाग गए हैं. हालांकि, आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस ने कहा कि दोबारा से कानून एवं व्यवस्था की समस्या न हो, इसलिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

शंकरपुर सराय गांव के निवासी अनिल वर्मा ने कहा, ‘गांव के भीतर और बाहर पुलिस तैनात की गई है और वे हमें अपने गांव से बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. रात में पुलिस ने हमारे घरों पर छापा मारा और हमारे परिवार के सदस्यों को परेशान किया. पुरुष सदस्य रात में घरों में नहीं रहते हैं और पुलिस की कार्रवाई के डर से खेतों में छिपने को मजबूर होते हैं.’

शंकरपुर सराय गांव में सबसे अधिक पुलिसवालों को तैनात किया गया है क्योंकि यह बस्ती परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के सबसे नजदीक है. गांव के एक अन्य निवासी अजय कुमार ने कहा, ‘इसकी वजह से यहां के ग्रामीण बहुत डरे हुए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम डर के माहौल में जी रहे हैं क्योंकि हमारे गांव में हर 50 मीटर की दूरी पर पुलिस कर्मी पहरा देते हैं. लोग इस मुद्दे पर बोलने से डरते हैं और हमारे अगले कदम के लिए बैठकें आयोजित करने से बचते है. गिरफ्तारी का भी डर है क्योंकि किसी को नहीं पता कि मामले में किस-किसका नाम शामिल है.’

इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसमें से तीन लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं.

पड़ोस के कन्हावपुर और मन्हौना गांवों के निवासियों का कहना है कि गिरफ्तारी के डर से वे अपने गांवों से बाहर नहीं जा रहे हैं.

कन्हावपुर गांव के संजय कुमार ने कहा, ‘हमारे गांव के लोगों का एक समूह आज शंकरपुर सराय गांव गया था, यह जानने के बाद कि कुछ राजनीतिक नेता वहां ग्रामीणों से मिलने आए हैं. वे बताने गए थे कि पुलिस ने उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को कैसे पीटा. हालांकि, जब उन्हें लगा कि उन्हें घर लौटने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है तब उन्होंने वापस नहीं जाने का फैसला किया.’

हालांकि, पुलिस ने आरोपों को खारिज किया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (उन्नाव) विनोद कुमार पांडेय ने कहा, ‘पुलिस मामले में वांछित लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापा मार रही है. पुलिसिया कार्रवाई के नाम पर किसी का उत्पीड़न नहीं किया जा रहा है.’

पुलिस सूत्रों का कहना है कि तीन गांवों में दंगा रोधी उपकरणों के साथ कम से कम 650 कर्मियों को तैनात किया गया है.

इस बीच, ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए 2000 करोड़ रुपये में जमीन अधिग्रहित करने वाली उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन (यूपीएसआईडीए) ने कहा कि उन्होंने अधिग्रहित जमीन किसानों से ली है और सोमवार से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

यूपीएसआईडीए के मुख्य इंजीनियर संदीप चंद्रा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि परियोजना ढाई साल में पूरी हो जाएगी.’

दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) की परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

किसानों का यह विरोध प्रदर्शन तब शनिवार को तब हिंसात्मक हो गया जब पुलिस पर पत्थरबाजी की गई. इसके साथ ही इलाके में विनिर्माण मशीनरी को भी आग लगा दी गई. इसके बाद भीड़ को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस संघर्ष में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए.

यूपीएसआईडीए ने दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आठ लोगों के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. यूपी पुलिस ने 30 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है.

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी को जमीन पर लेटे हुए एक निहत्थे व्यक्ति की पिटाई करते हुए दिखाया गया है.

यह मामला 2002 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए 1,156 एकड़ के अधिग्रहण से संबंधित है. साल 2014 में, अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सरकार द्वारा यूपीएसआईडीए की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना नामक परियोजना के लिए भूमि को अलग रखा गया था.

परियोजना में एक प्रदर्शनी केंद्र, एक मेगा मॉल, एक मल्टीप्लेक्स और बहु-मंजिला आवासीय परिसरों का निर्माण शामिल था.

शुरू में मुआवजा 1.5 लाख रुपये प्रति बीघा निर्धारित किया गया था. लेकिन, 2015 और 2016 में किसानों के विरोध के बाद इसे बढ़ाकर 5.5 लाख रुपये प्रति बीघा कर दिया गया. अब कृषि नेताओं ने दावा किया है कि क्षेत्र के लगभग 30% किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है.

राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा, ‘भूमि अधिग्रहण किए पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं दिया गया है. क्या मुआवजे की मांग अनुचित है?’

उन्होंने यह भी दावा किया कि शनिवार और रविवार को हुई हिंसा का दोष किसानों पर नहीं लगाया जा सकता. दीक्षित ने कहा, ‘हमारा शांति भंग करने का कोई इरादा नहीं है. कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारे आंदोलन को तोड़फोड़ करने के लिए घुसपैठ किया होगा. पुलिस ने एक लाठीचार्ज का भी सहारा लिया था, जिसके कारण मामूली झड़प हुई थी.’

इस बीच, राज्य भर के किसानों संगठनों ने किसानों के लिए समर्थन व्यक्त किया है. भारतीय किसान यूनियन (भाकयू) ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. भाकयू ने एक बयान में कहा, “पुलिस को महिलाओं सहित निहत्थे किसानों पर लाठीचार्ज का सहारा नहीं लेना चाहिए था. हम इस मामले में पूरी तरह से जांच की मांग करते हैं.

विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा है कि किसानों की मांगें पूरी होने तक विरोध जारी रहेगा. दीक्षित ने कहा, हम पीछे नहीं हटेंगे और तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक कि प्रत्येक किसान को मुआवजा नहीं मिल जाता.

विरोध प्रदर्शनों के दौरान संभावित हिंसा को रोकने के लिए क्षेत्र में भारी पुलिस तैनाती की गई है.

वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उन्नाव जिले में जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की.

मायावती ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार को उन्नाव में पिछले कई दिनों से चल रहे जमीन मुआवजे के विवाद/हिंसा के लगातार उलझते जा रहे मामले को जमीन मालिकों के साथ बैठकर जल्दी सुलझाना चाहिए, ना कि उनके ऊपर पुलिस लाठीचार्ज और उनका शोषण आदि कराना चाहिये. यह अति-निन्दनीय है। इसे सरकार को अति गम्भीरता से लेना चाहिये.’

इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा कि भाजपा सरकार के दमन के कारण किसानों में असंतोष व्याप्त है. ट्रांस गंगा प्रोजेक्ट के लिए भाजपा सरकार हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है और किसानों की दिक्कतों के समाधान की जगह उन पर लाठियां भांज रही है.

उन्‍होंने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार जहां किसानों की सहमति से जमीन का अधिग्रहण करने में सफल रही थी, वहीं भाजपा सरकार उन्‍हें बिना पर्याप्त मुआवजा दिए बेघर और बेरोजगार बनाने पर तुली है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए एक ट्वीट में घटना का एक कथित वीडियो भी शेयर किया.

उन्‍होंने कहा ‘उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अभी गोरखपुर में किसानों पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, उनकी पुलिस का हाल देखिये. उन्‍नाव में एक किसान लाठियां खाकर अधमरा पड़ा है. उसे और मारा जा रहा है. शर्म से आंखें झुक जानी चाहिये। जो आपके लिये अन्‍न उगाते हैं, उनके साथ ऐसी निर्दयता?’

प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25