उद्धव ठाकरे ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड परियोजना पर रोक का ऐलान किया

मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई थी, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं.

Mumbai: Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray formally takes charge of his office, in Mumbai, Friday, Nov. 29, 2019. (Twitter/PTI Photo) (PTI11_29_2019_000181B)

मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई थी, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं.

Mumbai: Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray formally takes charge of his office, in Mumbai, Friday, Nov. 29, 2019. (Twitter/PTI Photo) (PTI11_29_2019_000181B)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शहर की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड (मेट्रो कोच रखरखाव स्थल) के निर्माण पर शुक्रवार को रोक लगाने की घोषणा की. पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पिछले महीने यहां काम के लिए पेड़ काटे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया था.

मंत्रालय में मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि अगले फैसले तक पेड़ का एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा.

उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने पिछले महीने आरे कॉलोनी इलाके में पौधरोपण, प्रतिरोपण और पेड़ों के गिराए जाने की तस्वीरों के साथ एक स्थिति रिपोर्ट तलब की थी.

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर के अपने आदेश में आरे कॉलोनी को वन घोषित करने से इनकार करते हुए हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए 2600 से ज्यादा पेड़ों को काटने के नगर निगम के फैसले को रद्द करने से भी इनकार कर दिया था.

उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने बीते अक्टूबर महीने में आरे मिल्क कॉलोनी के करीब 2,134 पड़ों को काट दिया था.

मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच अक्टूबर में ही कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

बॉम्बे उच्च न्यायालय से मामला खारिज होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कॉलोनी से पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी. कानून के छात्रों के एक समूह द्वारा इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र के बाद दो जजों की पीठ मामले की सुनवाई के लिए गठित की गई थी.

मालूम हो कि बीएमसी ने इस हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के लिए तकरीबन 2,700 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी थी.

पिछले दो साल से पर्यावरणविद् आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने के लिए बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण द्वारा आरे कॉलोनी में तकरीबन 2700 पेड़ों को काटने की मंज़ूरी दिए जाने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आरे में पांच लाख से ज़्यादा पेड़ हैं.

मुंबई के उपनगर गोरेगांव की आरे कॉलोनी हरित क्षेत्र है. यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से लगी हुई है और इस हरित क्षेत्र को मुंबई का फेफड़ा भी कहा जाता है.

किसानों के लिए ठोस उपाय करेंगे : उद्धव ठाकरे

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बीते बृहस्पतिवार को कहा था कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के लिए ठोस कदम उठाएगी और ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करेगी कि कोई भी भयभीत महसूस नहीं करे.

उन्होंने कहा था कि कैबिनेट के पहले फैसले में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गई.

बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, ‘यदि हम वास्तविकता जानेंगे तो हम अच्छा काम कर सकते हैं. हमने जानकारी मांगी है. किसानों को सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला. हम किसानों की ठोस मदद करना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम राज्य में ऐसा माहौल सुनिश्चित करना चाहते हैं, जहां कोई भी आतंकित महसूस नहीं करेगा.’

ठाकरे के मीडिया से बात करते समय उनके साथ मंत्रिमंडल के सहयोगी छगन भुजबल, जयंत पाटिल, बालासाहेब थोराट और नितिन राउत भी थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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