हैदराबाद बलात्कार-हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल

हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.

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हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.

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फोटो साभार: एएनआई

हैदराबादः हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों के शुक्रवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर पीड़िता के परिवार ने खुशी जाहिर की है तो वहीं कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं.

साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने कहा, ‘चारों आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए.’

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.

दिल्ली के निर्भया मामले में निर्भया की मां ने पुलिस मुठभेड़ में आरोपियों के मारे जाने को लेकर हैदराबाद पुलिस की सराहना की है.

उन्होंने मांग की है कि एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाए.

निर्भया की मां ने कहा, ‘मैं चारों आरोपियों को मिली सजा से काफी खुश हूं. पुलिस ने काफी अच्छा काम किया. मेरी मांग है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाना चाहिए. मेरी बेटी के दोषियों को भी मौत की सजा देनी चाहिए.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हैदराबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एनकाउंटर स्थल पर पहुंचे थे. पुलिस का कहना है कि चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया था, जहां इन लोगों ने महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी. इस दौरान चारों भागने की कोशिश करने लगे और पुलिस की फायरिंग में मारे गए.

हैदराबाद के साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने कहा कि यह घटना शुक्रवार तड़के तीन बजे से छह बजे के बीच की है.

सज्जनार ने एएनआई से कहा, ‘सभी आरोपी मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नाकेशवुलु शुक्रवार तड़के तीन से छह बजे के बीच शादनगर के चतनपल्ली के पास पुलिस एनकाउंटर में मारे गए.’

वहीं, वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने हैदराबाद पुलिस के खिलाफ जांच की मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘सभी आरोपी थे, न कि दोषी. एक ऐसी ही घटना छत्तीसगढ़ में भी हुई थी, जहां 36 लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि वे नक्सली नहीं थे.’

हैदराबाद पुलिस की इस कार्यवाही पर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा, ‘जो भी हुआ है, बहुत भयानक हुआ है, इस देश के लिए. आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते, वैसे भी उनको फांसी होनी थी. अगर आप उन्हें पहले ही बंदूकों से मार दोगे तो फिर अदालत का, पुलिस का, कानून का फायदा ही क्या है. फिर तो आप बंदूक उठाओ और जिसको भी मारना है, मारो.’

इस घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘आजकल जिस तरह से बलात्कार के मामले एक-एक कर सामने आ रहे हैं, लोगों में गुस्सा है. फिर चाहे वह उन्नाव का मामल हो या हैदराबाद का. इसलिए लोग इन एनकाउंटर पर खुशी जाहिर कर रहे हैं.यह चिंताजनक है, जिस तरह से लोगों ने न्याय प्रणाली में विश्वास खोया है. सभी सरकारों को साथ मिलकर इस दिशा में कदम उठाना होगा कि किस तरह से देश की न्याय प्रणाली को मजबूत बनाया जाये.’

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बलात्कार और हत्या के आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना को लेकर कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि लोगों को विश्वास हो सके कि यह सुनियोजित मुठभेड़ नहीं थी.

दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा ने यह भी कहा कि उनका यह निजी बयान है.

उन्होंने कहा, ‘एक महिला होने के नाते हमारी त्वरित प्रतिक्रिया यही है कि बहुत अच्छा हुआ लेकिन दूसरी तरफ यह भी देखना होगा कि बहुत जनाक्रोश था और सरकार पर दबाव था.’

उन्होंने कहा, ‘अगर जनता के दबाव में आकर सरकार ने ऐसा कोई कदम उठाया जो न्याय से इतर हत्या हो सकती है तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक है और एक ऐसी परिपाटी तय करेगा जो बाद में किसी भी आम नागरिक के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सुनियोजित मुठभेड़ नहीं थी. हम चाहते हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच हो ताकि लोगों को भरोसा हो जाए कि यह सुनियोजित मुठभेड़ नहीं थी’

इस घटनाक्रम पर भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, ‘इस तरह के एनकाउंटर को कानूनी मान्यता देनी चाहिए.’

समाजवादी पार्टी से सांसद जया बच्चन ने इस घटनाक्रम पर कहा, ‘दे आए, दुरुस्त आए…देर आए, बहुत देर आए.’

कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने कहा, ‘नागरिकों को कानून में विश्वास रखना चाहिए कि दोषियों को न्याय प्रणाली के जरिए सजा मिलेगी.’

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा, ‘एक मां, एक बेटी और एक पत्नी होने के नाते मैं इस एनकाउंटर का स्वागत करती हूं. अन्यथा ये लोग सालों तक जेल में होते. निर्भया का नाम भी निर्भया नहीं था, लोगों ने नाम दिया था. मुझे लगता है कि उसे नाम देने के बजाए इन्हें ऐसा अंजाम देना जरूरी है.’

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद कनुमुरु रघुराम कृष्ण राजू ने कहा, ‘उन्हें गोली लगनी चाहिए क्योंकि वे इसी के लायक थे. भगवान काफी दयालु है कि उन्हें गोली लगी. यह एक अच्छा सबक है. उन्होंने भागने की कोशिश की और मारे गए. किसी भी एनजीओ को इसका विरोध नहीं करना चाहिए और अगर वे करते हैं तो वे देशद्रोही हैं.’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता राबड़ी देवी ने कहा, ‘हैदराबाद में जो हुआ, उससे अपराधियों को सबक मिलेगा. हम इसका स्वागत करते हैं. बिहार में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है.’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोपियों के एनकाउंटर पर कहा, ‘जब कोई अपराधी बचकर भागने की कोशिश करता है, तो ऐसे में पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं रहता. यह कहा जा सकता है कि न्याय हुआ है.’

हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘एक आम नागरिक होने के नाते मैं खुश हूं कि यह अंत है और हम सब यही चाहते थे लेकिन यह अंत न्यायिक प्रणाली के जरिए होना चाहिए था. यह उचित तरीके से होना चाहिए था. हमने हमेशा से अपराधियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है और यहां पुलिस ने अच्छा न्याय किया. मुझे नहीं पता कि यह किस परिस्थिति में हुआ.’

इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहा है लेकिन राज्य सरकार सो रही है. यहां और दिल्ली की पुलिस को हैदराबाद की पुलिस से प्रेरणा लेनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यवश यहां अपराधियों से सरकारी मेहमानों की तरफ बर्ताव किया जाता है. उत्तर प्रदेश में फिलहाल जंगल राज है.

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन एसोसिएशन (एआईपीडब्ल्यूए) की सचिव कविता कृष्णन ने कहा, ‘यह न्याय नहीं है बल्कि पुलिस, न्यायपालिका, सरकारों की जवाबदेही की मांगों को चुप कराने की साजिश है. अपने काम के प्रति जवाबेदही होने और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की नाकामी को लेकर हमारे सवालों के जवाब देने को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री और पुलिस ने मॉब लिंचिंग के नेताओं की तरह व्यवहार किया.’

मालूम हो कि बीते 27 नवंबर को हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी और उसके शव को जला दिया गया था.

पुलिस को अगले दिन 28 नवंबर को महिला की अधजली लाश एक निर्माणाधीन पुल के पास से मिली थी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

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