हैदराबाद एनकाउंटर के एक दिन बाद सीजेआई बोले- न्याय को कभी बदले का स्थान नहीं लेना चाहिए

तेलंगाना में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के एक दिन बाद सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं यह नहीं मानता हूं कि न्याय कभी भी तुरंत हो सकता है और तुरंत होना चाहिए. मेरा मानना है कि बदले का स्थान लेने पर न्याय अपना मूल स्वरूप खो देगा.

सीजेआई एसए बोबडे. (फोटो: पीटीआई)

तेलंगाना में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के एक दिन बाद सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं यह नहीं मानता हूं कि न्याय कभी भी तुरंत हो सकता है और तुरंत होना चाहिए. मेरा मानना है कि बदले का स्थान लेने पर न्याय अपना मूल स्वरूप खो देगा.

**EDS: FILE PHOTO** New Delhi: In this Saturday, Aug 17, 2019 file photo Justice Sharad Bobde attends the 17th All India Meet of State Legal Services Authorities, in Nagpur, Maharashtra. Justice Bobde will succeed Justice Ranjan Gogoi as the next Chief Justice of India.(PTI Photo) (PTI10_29_2019_000034B)
सीजेआई एसए बोबडे. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: तेलंगाना में महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के एक दिन बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि न्याय को कभी भी बदले का स्थान नहीं लेना चाहिए.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, राजस्थान के जयपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए सीजेआई बोबडे ने कहा, ‘देश में हुई हालिया घटनाओं ने पुरानी बहस को नई ताकत दे दी है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को खुद में बदलाव लाने के लिए पुनर्विचार करना चाहिए. लेकिन मैं यह नहीं मानता हूं कि न्याय कभी भी तुरंत हो सकता है और तुरंत होना चाहिए. न्याय को कभी भी बदले का स्थान नहीं लेना चाहिए. मेरा मानना है कि बदले का स्थान लेने पर न्याय अपना मूल स्वरूप खो देगा.’

उन्होंने कहा, ‘न्यायपालिका को आत्म-सुधारात्मक उपायों को लागू करने की आवश्यकता है. हालांकि, यह बहस का विषय हो सकता है कि उन आत्म-सुधारात्मक उपायों को प्रचारित किया जाना चाहिए या नहीं. लेकिन, संस्थान को खुद को सही करना चाहिए जैसा कि उसने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी. वह खुद में सुधार लाने का एक उपाय था.’

बीते 27 नवंबर की रात में हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से चार युवकों ने बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी. ये चारों युवक लॉरी मजदूर थे.

इस जघन्य अपराध के सिलसिले में चारों आरोपी युवकों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. अगले दिन 30 नवंबर को इन सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

इस बीच शुक्रवार की सुबह पुलिस ने पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या करने के मामले के सभी चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया.

पुलिस एनकाउंटर के कुछ घंटों बाद ही तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उनके शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने के निर्देश दिए. इसके साथ ही सभी आरोपियों के शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उसका वीडियो रविवार शाम तक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपने के निर्देश दिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)