राज्यसभा: नागरिकता विधेयक पर चर्चा जारी, अमित शाह बोले- भारतीय मुस्लिम भारतीय थे, हैं और रहेंगे

राज्यसभा में कई विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए प्रस्ताव दिया है. विधेयक पर चर्चा होने के बाद इसे पारित करते समय इन प्रस्तावों के बारे में निर्णय किया जाएगा.

राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. (फोटो: एएनआई

राज्यसभा में कई विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए प्रस्ताव दिया है. विधेयक पर चर्चा होने के बाद इसे पारित करते समय इन प्रस्तावों के बारे में निर्णय किया जाएगा.

राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. (फोटो: एएनआई
राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. (फोटो: एएनआई)

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा एवं पारित करने के लिए राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे.

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं.

शाह ने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है. इसकी वजह उनका सफाया, भारत प्रवास तथा अन्य हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रवासियों के पास रोजगार और शिक्षा के अधिकार नहीं थे. शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान से आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी एवं ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है. इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा ने पारित किया.

उच्च सदन में कई विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए प्रस्ताव दिया है. विधेयक पर चर्चा होने के बाद इसे पारित करते समय इन प्रस्तावों के बारे में निर्णय किया जाएगा.

शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ने 2019 के आम चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में इसकी घोषणा की थी और पार्टी को इसी पर जीत मिली थी.

शाह ने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा असम के लोगों के हितों की रक्षा करेगी.

गृह मंत्री जब असमी लोगों के हितों की रक्षा की बात कर रहे थे तो राज्यसभा का टीवी प्रसारण कुछ समय के लिए रोक दिया गया क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने बीच में टोकाटोकी शुरू कर दी.

इस विधेयक में पड़ोसी देशों के मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नहीं है जिसके कारण देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हो रहा है.

नौ सौ वैज्ञानिकों एवं विद्वानों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है कि भारतीय नागरिकता के निर्धारण के लिए धर्म को कानूनी आधार बनाया जाना बहुत ही परेशान करने वाला है.

नागरिकता संशोधन विधेयक इस साल जनवरी में भी लाया गया था और लोकसभा में पारित हो गया था. किंतु 16वीं लोकसभा की अवधि समाप्त हो जाने के कारण यह राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था. मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अब इसे फिर ले कर आई है.

भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ. इतना बड़ा नरसंहार न पहले कभी हुआ न उसके बाद हुआ. रातों-रात लोगों को घर छोड़कर निकलना पड़ा. दोनों देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हो यह इच्छा थी. उस समय पाकिस्तान में हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध अल्पसंख्यक थे. हमें स्पष्ट रहना चाहिए कि हिंदू पाकिस्तान में अल्पसंख्यक थे. पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक की सुरक्षा की बात हम आज से नहीं कह रहे जनसंघ के दिनों से कह रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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