ब्रिटेन के आम चुनावों में बोरिस जॉनसन की पार्टी को स्पष्ट बहुमत

ब्रिटेन के आम चुनाव में कंज़र्वेटिव और लेबर पार्टियों के भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने शानदार जीत दर्ज की. इस बार भारतीय मूल के 15 सांसद जीते हैं, जो अब तक का सर्वाधिक है.

/
Britain's Prime Minister Boris Johnson addresses his supporters in front of the general election campaign trail bus in Manchester, Britain November 15, 2019. Frank Augstein/Pool via REUTERS

ब्रिटेन के आम चुनाव में कंज़र्वेटिव और लेबर पार्टियों के भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने शानदार जीत दर्ज की. इस बार भारतीय मूल के 15 सांसद जीते हैं, जो अब तक का सर्वाधिक है.

Britain's Prime Minister Boris Johnson addresses his supporters in front of the general election campaign trail bus in Manchester, Britain November 15, 2019. Frank Augstein/Pool via REUTERS
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (फोटोः रॉयटर्स)

लंदनः ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आम चुनाव में शुक्रवार को स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया. इस जीत के साथ ही ब्रेग्जिट पर अनिश्चितता खत्म हो जाएगी और ब्रिटेन की अगले महीने के अंत तक यूरोपीय संघ से अलग होने की राह आसान हो जाएगी.

बीबीसी के अनुसार, चुनावी नतीजों में अभी तक बोरिस की अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी ने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सीटों में से 364 सीटें जीत ली है और 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

विपक्षी पार्टी ने 203 सीटों पर जीत दर्ज की और 59 सीटों पर पीछे चल रही है. स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) ने 48 सीटें जीती हैं और 13 पर बढ़त बनाए हुए है. लिबरल डेमोक्रट्स ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है. डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) ने आठ सीटें जीती हैं तो अन्य के खाते में 15 सीटें आई हैं.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (55) ने बहुमत हासिल करने के बाद कहा कि उन्हें नया जनादेश मिला है जिससे वो ब्रिटेन को यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग करने वाली ब्रेग्जिट डील को लागू करवा सकेंगे और ब्रिटेन को एकजुट कर सकेंगे.

जॉनसन ने कहा, ‘यह देश के लिए एक नया सवेरा है. हम अगले साल 31 जनवरी तक ब्रेक्जिट से निकल जाएंगे. कोई बहाना नहीं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोरिस जॉनसन की ब्रिटेन में सत्ता में वापसी पर शुक्रवार को उन्हें बधाई देते हुए कहा कि वे साथ मिलकर दोनों देशों के करीबी संबंधों को आगे बढ़ाने को काम करने के लिए आशान्वित हैं.

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को भारी बहुमत से सत्ता में फिर से वापसी पर बहुत बधाई. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. भारत और ब्रिटेन के करीबी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये काम करने को आशान्वित हूं.’

कंजर्वेटिव पार्टी को 1987 के बाद पहली बार इतना बड़ा जनादेश मिला है.

ब्रिटेन के आम चुनावों में भारतीय मूल के उम्मीदवारों की शानदार जीत

ब्रिटेन में भारतीय मूल के 15 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जिनमें कुछ पुराने सांसदों के साथ नए उम्मीदवार भी हैं. वहीं कंजर्वेटिव पार्टी के लिए गगन मोहिंद्रा और क्लेयर कोटिन्हो और लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा पहली बार सांसद बने.

गोवा मूल की कोटिन्हो ने 35,624 मतों के साथ सुर्रे ईस्ट सीट पर जीत दर्ज की. महिंद्रा ने हर्टफोर्डशायर साउथ वेस्ट सीट से जीत दर्ज की.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंजर्वेटिव और लेबर पार्टियों से सात-सात और लिबरल डेमोक्रेट्स से एक भारतीय मूल के सांसद ने जीत दर्ज की है.

भारतीय मूल के नए चेहरों में कंजर्वेटिव पार्टी के गगन मोहिंद्रा (हर्टफोर्टशायर साउथ वेस्ट) और क्लेयर कोटिन्हो (सरे ईस्ट) हैं. वहीं, पांच निवर्तमान सांसद अपनी-अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे हैं, जिनमें प्रीति पटेल (विदाम), आलोक शर्मा (रीडिंग वेस्ट), शैलेश वारा (कैम्ब्रिजशायर नॉर्थ वेस्ट), सुएला ब्रेवरमैन (फेयरहैम) और ऋषि सुनाक (रिचमंड, यॉर्कशायर) हैं.

आसान जीत के साथ हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटने वाले भारतीय मूल के सांसदों में ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल शामिल हैं. उनके जॉनसन के नये मंत्रिमंडल में भी जगह बनाने की संभावना है.

पटेल ने एस्सेक्स में विदहाम सीट से जीत हासिल की. इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनाक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री आलोक शर्मा ने भी जीत हासिल की.

शैलेश वारा नॉर्थ वेस्ट कैम्ब्रिजशायर से जीते और गोवा मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने फेयरहाम से जीत दर्ज की. पिछले चुनाव में पहली ब्रिटिश सिख महिला सांसद बनकर इतिहास रचने वाली प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एडबास्टन सीट पर दोबारा जीत हासिल की.

पहले सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटेंगे.

वरिष्ठ सांसद वीरेंद्र शर्मा ने 25,678 वोटों से इलिंग साउथ हॉल सीट से जीत दर्ज की. अपनी सीट बरकरार रखने वाले अन्य भारतीय मूल के सांसदों में लीजा नंदी और सीमा मल्होत्रा शामिल हैं.

मालूम हो कि यूरोपीय संघ (ईयू) ने ब्रिटेन के अलग होने यानी ब्रेग्जिट की समयसीमा अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दी थी. ईयू ने कहा है कि अगर ब्रितानी संसद 31 जनवरी से पहले किसी समझौते को मंजूरी दे देती है, तो ब्रिटेन ईयू से अलग हो सकता है.

साल 2016 में ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह में 52 फीसदी लोगों ने ब्रेग्जिट का समर्थन किया था और 48 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq