नागरिकता संशोधन कानून: बंद के कारण नगालैंड के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित

नगा छात्र संघ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है. वहीं गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.

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नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)

नगा छात्र संघ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है. वहीं गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में गुवाहाटी में प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में गुवाहाटी में प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)

कोहिमा/गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन कानून (कैब) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे नगा छात्र संघ (एनएसएफ) द्वारा आहूत छह घंटे के बंद के बीच नगालैंड के कई हिस्सों में शनिवार को स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे. वहीं गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.

इसके अलावा असम में हिंसक प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी और अन्य स्थानों पर सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गयी हैं.

अधिकारियों ने बताया कि नगा छात्र संघ (एनएसएफ) द्वारा छह घंटे के बंद के कारण नगालैंड के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है.

उन्होंने बताया कि उन इलाकों से अब तक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है, जहां सुबह छह बजे से बंद शुरू हुआ है.

प्रदर्शनकारी परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे छात्रों, ड्यूटी पर जा रहे चिकित्सा कर्मियों, मीडिया कर्मियों और शादियों में शामिल होने जा रहे लोगों को सड़कों से जाने दे रहे हैं.

राज्य की राजधानी कोहिमा में भी बंद के कारण अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं खुले, जिससे पूरा क्षेत्र सुनसान पड़ा रहा.

एनएसएफ के उपाध्यक्ष डीएवी यानो ने नागरिकता संशोधन कानून की निंदा करते हुए कहा कि इसमें पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा गया.

गौरतलब है कि एनएसएफ ने इसके खिलाफ शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है. बंद सुबह छह बजे शुरू हुआ.

एनएसएफ ने एक बयान में कहा, ‘एनएसएफ की आपातकालीन कार्यकारी परिषद की शुक्रवार को आयोजित बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार नगा इलाकों में 14 दिसंबर को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक छह घंटे के बंद का आह्वान किया गया है.’

बयान में कहा गया है, ‘यह बंद संसद में विवादास्पद कैब पारित किए जाने के खिलाफ नगा लोगों के असंतोष को दर्शाने के लिए आह्वान किया गया है. यह विधेयक पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के हितों एवं भावनाओं के खिलाफ है.’

एनएसएफ ने मणिपुर, असम और नगालैंड में अपनी सभी इकाइयों से इस बंद के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है.

गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ में कुछ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.

अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है. वहीं डिब्रूगढ़ में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक ढील दी गई है.

उन्होंने बताया कि पुलिस लोगों को इस ढील की जानकारी देने के लिए लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल कर रही है. दिसपुर, उजान बाजार, चांदमारी, सिलपुखुरी और जू रोड सहित कई स्थानों पर दुकानों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं.

ऑटो-रिक्शा और साइकिल-रिक्शा सड़कों पर नजर आए लेकिन बसें अब भी नदारद रहीं. शहर में पेट्रोल पंप भी खोल दिए गए हैं, जहां वाहनों की लंबी कतारें दिखीं. हालांकि, स्कूल और कार्यालय अब भी बंद हैं.

नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने के बाद से ही इसके खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसके मद्देनजर अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया था.

असम में सेना और असम राईफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात

असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी और अन्य स्थानों पर सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गयी हैं.

रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पी. खोंगसाई ने बताया कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रण में लाने के लिए गुवाहाटी के अलावा मोरीगांव, सोनितपुर और डिब्रूगढ़ जिलों के नागरिक प्रशासन ने सेना और असम राइफल्स की मांग की है.

इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतर जाने के बाद बुधवार को सेना बुलायी गयी थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को इस विधेयक को मंजूरी दी जिसके बाद यह कानून बन गया.

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘अब तक कुल आठ टुकड़ियां लगाई गयी हैं जिनमें एक बोगांइगांव, एक मोरीगांव, गुवाहाटी में चार और सोनितपुर में दो टुकड़ियां तैनात की गयी है.’

हर टुकड़ी में करीब 70 जवान होते हैं. खोंगसाई ने बताया कि जहां भी सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां तैनात की गयी हैं, वे वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में सक्षम रही हैं और वे नागरिक प्रशासन को सहयोग करने में लगी हैं.

असम अपने इतिहास में सबसे हिंसक दौरों में एक से गुजर रहा है. वहां रेलवे स्टेशन, कुछ डाकघर, बैंक, बस टर्मिनल और कई अन्य सार्वजनिक संपत्तियां जला दी गयी हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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