असम: समाचार चैनल का आरोप, पुलिस ने दफ़्तर में घुसकर की कर्मचारियों से मारपीट

असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी के एक निजी समाचार चैनल ने कहा कि पुलिस द्वारा बिना किसी उकसावे के उनके दफ़्तर में घुसकर स्टाफ को पीटा गया. चैनल ने पुलिस से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है.

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असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी के एक निजी समाचार चैनल ने कहा कि पुलिस द्वारा बिना किसी उकसावे के उनके दफ़्तर में घुसकर स्टाफ को पीटा गया. चैनल ने पुलिस से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है.

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(फोटो साभार: यू ट्यूब/प्राग न्यूज़)

गुवाहाटीः असम के गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनों के बीच असम पुलिस ने राज्य के एक निजी टीवी चैनल के दफ्तर में घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट की.

स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक, चैनल के मैनेजिंग एडिटर प्रणय बारदोलोई का आरोप है कि पुलिस गुरुवार शाम लगभग छह बजे उलुबारी में ‘प्राग न्यूज’ के कैंपस पहुंची और इमारत के बाहर बैठे कर्मचारियों से मारपीट की.

इसके बाद पुलिस इमारत के भीतर गई और रिसेप्शन के आसपास चैनल के अन्य कर्मचारियों से मारपीट की. बारदोलोई ने कहा, ‘यह बिना उकसावे की कार्रवाई थी और हम असम पुलिस से बिना शर्त माफी की मांग करते हैं.’

प्राग न्यूज के इंस्टाग्राम एकाउंट पर लिखी पोस्ट के मुताबिक, ‘यह बहुत दुखद है कि सीआरपीएफ के अधिकारी प्राग न्यूज के परिसर में घुसे और कामकाजी घंटों के दौरान कैंपस के भीतर हमारी कर्मचारियों पर हमला किया.’

चैनल पर यह कथित हमला ऐसे समय में हुआ है, जब राज्य में चल रहे नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों को निर्देश दिया है कि वे ऐसी सामग्री के प्रसारण को लेकर सावधानी बरतें जिनसे हिंसा होने या फैलने की आशंका हो.

सरकार की ओर से यह दिशानिर्देश ऐसे समय में आया है जब संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद असम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिल रही है.

दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं, जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों.

मालूम हो कि असम में सीएबी के खिलाफ प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद बुधवार शाम सवा छह बजे कर्फ्यू लगा दिया गया था. कई हिस्सों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं.

सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी और अन्य स्थानों पर सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गयी हैं.

रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने बताया कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रण में लाने के लिए गुवाहाटी के अलावा मोरीगांव, सोनितपुर और डिब्रूगढ़ जिलों के नागरिक प्रशासन ने सेना और असम राइफल्स की मांग की है.

इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतर जाने के बाद बुधवार को सेना बुलायी गयी थी.

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘अब तक कुल आठ टुकड़ियां लगाई गयी हैं जिनमें एक बोगांइगांव, एक मोरीगांव, गुवाहाटी में चार और सोनितपुर में दो टुकड़ियां तैनात की गयी है.’ हर टुकड़ी में करीब 70 जवान होते हैं.

खोंगसाई ने बताया कि कि जहां भी सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां तैनात की गयी है, वे वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में सक्षम रही हैं और वे नागरिक प्रशासन को सहयोग करने में लगी हैं.

मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद यह कानून बन गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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