2008 जयपुर धमाका मामले में चार को फांसी की सजा

जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 170 घायल हुए थे. राजस्थान की एक विशेष अदालत ने मामले में चार आरोपियों मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया था.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 170 घायल हुए थे. राजस्थान की एक विशेष अदालत ने मामले में चार आरोपियों मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया था.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

जयपुर: शहर की एक विशेष अदालत ने जयपुर बम विस्फोट 2008 के मामले में चारों दोषियों को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई. विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने शुक्रवार की शाम यह सजा सुनाई. लोक अभियोजक श्रीचंद ने कहा कि अलग अलग मामलों में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है.

उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने बुधवार को दिए फैसले में जयपुर बम विस्फोट मामले में चार आरोपियों मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया. गुरुवार को दोषियों को सजा के अनुपात पर बहस हुई.

मालूम हो कि भारत के पर्यटन स्थलों में चर्चित जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 170 घायल हुए थे.

इससे पहले बुधवार को लोक अभियोजक श्रीचंद ने बताया था, ‘चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307,324, 326, 120 बी, 121ए और 124 ए, 153 ए के तहत दोषी माना गया है. इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा तीन के तहत तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है.’

उन्होंने बताया था कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 1,272 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए.

मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन के न्यायमित्र (एमिक्स क्यूरी) सुरेश व्यास ने इससे पहले संवाददाताओं को बताया था, ‘अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सके. बाकी चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत दोषी माना गया है.’

मामले में तीन ऐसे आतंकी शामिल थे, जिनका नाम अन्य सीरियल ब्लास्ट की घटनाओं में शामिल रहा है. राजस्थान के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) भी मानता है कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस के दो आरोपी 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे.

जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले में कुल 8 एफआईआर दर्ज की गई थी, जबकि 4 चार्जशीट दाखिल हुए थे.  बता दें कि राजस्थान की एक विशेष अदालत ने जयपुर बम विस्फोट मामले में 18 दिसंबर को चार आरोपियों को दोषी तथा एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर बम विस्फोट मामले में अदालत के फैसले को सही फैसला बताते हुए कहा है कि हिंसा में विश्वास रखने वाले लोगों को सबक मिलना चाहिए.

गहलोत ने कहा, ‘जयपुर में हुए सीरियल बम धमाकों को लेकर सही निर्णय हुआ है, इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए और ऐसे लोगों को सबक मिलना चाहिए जो कि हिंसा में विश्वास करते हैं चाहे वो कोई भी हों, ये मेरा मानना है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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