नागरिकता क़ानून: रामपुर में एक की मौत, कासगंज में इंटरनेट बंद, कानपुर में चौकी फूंकी

शुक्रवार को नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी. मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई, कानपुर, बिजनौर और फ़िरोज़ाबाद में दो-दो लोगों की मौत और मुज़फ़्फ़रनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी.

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Varanasi: Police personnel baton charge protestors demonstrating against the Citizenship Amendment Act, in Varanasi, Friday, Dec. 20, 2019. (PTI Photo) (PTI12_20_2019_000169B)

शुक्रवार को नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी. मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई, कानपुर, बिजनौर और फ़िरोज़ाबाद में दो-दो लोगों की मौत और मुज़फ़्फ़रनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी.

Varanasi: Police personnel baton charge protestors demonstrating against the Citizenship Amendment Act, in Varanasi, Friday, Dec. 20, 2019. (PTI Photo)(PTI12_20_2019_000169B)
शुक्रवार को वाराणसी में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज करती यूपी पुलिस. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/कानपुर/भदोही/बहराइच/रामपुर: उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्से में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में व्यापक प्रदर्शन और कई हिस्सों में हिंसा फैलने के बाद शनिवार को रामपुर शहर में भी हिंसक प्रदर्शन हुआ. इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है.

इससे पहले शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी. मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई, कानपुर, बिजनौर और फिरोजाबाद में दो-दो लोगों की मौत और मुजफ्फरनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है.

रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में पुलिस के लाठीचार्ज से भगदड़ मचने से आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई. इससे पहले 19 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में राजधानी लखनऊ में एक 28 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी.

आईजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि बीते 10 दिसंबर से उत्तर प्रदेश में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया और एहतियातन गिरफ्तार किए गए 4500 लोगों को रिहा किया गया है. इन दौरान 15 लोगों की मौत हो हुई और 263 पुलिसकर्मियों घायल हुए हैं.

दैनिक जागरण के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रामपुर बंद के दौरान हाथी खाना चौराहे पर हजारों की संख्या में एकत्रित लोगों की भीड़ में हुई हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली चलाई, वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इनकार किया है. पुलिस की बाइक समेत चार वाहनों को जला दिया गया.

मरने वाले की शिनाख्त 24 साल के फैज के रूप में हुई है. वह मुल्ला इरम मुहल्ले का रहना वाला था. परिजनों के अनुसार प्र्दर्शन के दौरान हुई फायरिंग से मौत हुई है.

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उलेमा ने शनिवार को रामपुर बंद का आह्वान किया था. प्रशासन ने हिंसा की आशंका भांपते हुए जिले की सभी सीमाएं सील कर दी थी, हालांकि इसके बावजूद पुलिस पर भीड़ भारी पड़ गई. सुबह एक भी दुकान नहीं खुली.

शनिवार को पूरा शहर छावनी में तब्दील नजर आया. जगह-जगह फोर्स तैनात कर दी गई है. ईदगाह की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए.

कानपुर में हिंसक भीड़ ने किया पथराव, चौकी फूंकी

नागरिकता कानून के खिलाफ कानपुर में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा. शहर के कई इलाकों में शनिवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. परेड यतीमखाना इलाके में हिंसा पर उतारू भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया .

परेड यतीमखाना इलाके में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पथराव में कई लोगों के घायल होने की खबर है. हिंसक भीड़ ने यतीमखाना पुलिस चौकी को फूंक दिया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.

कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी और पूर्व विधायक एवं सपा नेता कमलेश दिवाकर को एहतियातन गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों नेताओं की गाड़ियों को भी सीज कर दिया गया है.

प्रकाश ने बताया कि भीड़ सड़कों पर है. बाबूपुरवा, नयी सड़क, मूलगंज, दलेलपुरवा, हलीम कालेज और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग सड़कों और गलियों में एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं. भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है .
उन्होंने बताया कि भीड़ को समझाने के लिए शहर काजी की मदद ली जा रही है.

इस बीच हिंसा में जिन दो लोगों की शुक्रवार को मौत हुई थी, उनके शव अभी दफन नहीं किए गए हैं. पुलिस का कहना है कि शवों को पुलिस निगरानी में ही दफनाया जाएगा. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है या जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाए वे तभी सड़कों से वापस जाएंगे.

लखनऊ में सोमवार तक रहेंगी इंटरनेट सेवाएं निलंबित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार तक के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह बात कही. शहर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार रात को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी थीं.

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने शनिवार शाम को कहा, ‘लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं 23 दिसंबर तक निलंबित कर दी गई हैं.’

भदोही में 24 लोग गिरफ्तार

इसके अलावा पुलिस ने शनिवार को भदोही जिले में हिंसा के संबंध में 24 लोगों को गिरफ्तार किया.

पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मार्च निकाल रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था और कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिये थे. उन्होंने बताया कि इस संबंध में 27 नामजद और 200 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

सिंह ने कहा कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में है.

बहराइच में 38 गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा बंद

वहीं, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बहराइच में तनाव के मद्देनजर पुलिस ने 38 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. यहां शुक्रवार को हुई हिंसा में 10 पुलिसकर्मियों सहित करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे.

संवेदनशील माहौल एवं सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की आशंका के मद्देनजर शहर में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई हैं. शहर में फिलहाल शनिवार सुबह से शांति दिख रही है. अधिकांश बाजार खुल गए हैं. पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है.

पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव के बाद शहर में तनाव फैल गया था. पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करके प्रदर्शन, उग्र नारेबाजी एवं पथराव कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया था और बल प्रयोग किया था.

उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के पथराव से 10 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं जिनका इलाज स्थानीय मेडिकल कालेज में कराया जा रहा है.

अधिकारी ने बताया कि थाना दरगाह शरीफ में 23 नामजद एवं 1300 अज्ञात लोगों के खिलाफ तीन मामले तथा कोतवाली नगर में 44 नामजद एवं 700 अज्ञात लोगों के विरूद्ध तीन मामले दर्ज किए गए हैं. दरगाह शरीफ इलाके से 22 एवं कोतवाली नगर में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

एसपी ने बताया कि ड्रोन कैमरों, वीडियोग्राफी, तस्वीरों एवं अन्य साक्ष्यों की मदद से दोषियों की पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि हालात सामान्य रहे तो चेतावनी के साथ शाम तक इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.

ग्रोवर ने बताया कि शहर एवं जिले के अन्य इलाकों में स्थिति पूरी तरह सामान्य है. एहतियात के तौर पर पुलिस, पीएसी एवं केंद्रीय बलों द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है.

कासगंज जिले में इंटरनेट सेवा बंद

वहीं, एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर कासगंज जिले में शुक्रवार रात 11 बजे से इंटरनेट सेवा एहतियातन बंद कर दी गई हैं.

पुलिस ने शनिवार को बताया कि विरोध प्रदर्शनों के चलते पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. शुक्रवार रात 11 बजे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलायी जाने वाली अफवाहों को रोका जा सके.

पुलिस के अनुसार स्थिति तनावपूर्ण अवश्य है लेकिन कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.

हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: डीजीपी

संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मद्देनजर राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार को कहा कि हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस सतर्क है और गश्त कर रही है. विभिन्न शहरों के गणमान्य लोगों से अपील की गयी है कि वे शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें. जहां भी मामले दर्ज हुए हैं, वहां का स्थानीय पुलिस प्रशासन गिरफ्तारियां कर रहा है. किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. पूरी छानबीन के बाद ही गिरफ्तारी होगी.’

डीजीपी ने बताया कि लखनऊ में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या हिंसा करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और गुंडा एक्ट लगाया जाएगा, सिंह ने कहा कि अगर ऐसा कुछ होगा, तो बता दिया जाएगा.

उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है. जब पूछे जाने पर कि क्या इसमें राजनीतिक लोगों का हाथ हो सकता है, उन्होंने कहा कि विवेचना जारी है, टीमें बनायी गई हैं जो सभी पहलुओं से जांच कर रही है. उन्होंने इस हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है.

यह पूछ जाने पर कि क्या हिंसा में बांग्लादेश के लोग शामिल हो सकते हैं, सिंह ने कहा कि जांच जारी है.

इंटरनेट बंद करने किए जाने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जहां स्थानीय प्रशासन ने उचित समझा, उन जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद की गई है.

इस बीच, लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि 218 लोगों को जेल भेजा गया है. कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने दावा किया कि अराजक तत्व शहर छोड़कर भाग गये हैं.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भीड़ को भड़काकर एकत्र किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संशोधित नागरिकता कानून को लेकर फैलाये जा रहे बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती. योगी ने ट्वीट किया, ”कानून को हाथ में लेकर उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती. संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए.”

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है और पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है.

मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वह अफवाहों पर यकीन नहीं करे और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं. उन्होंने शांति बहाली की अपील करते हुए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए है कि वह संशोधित नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने और हिंसा फैलाने वाले तत्वों का पता लगाए.

योगी ने दोहराया कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिह्नित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि संशोधित नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है. इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है.

मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे किसी बहकावे में न आएं और शांति बनाए रखने में सरकार का पूर्ण सहयोग करें.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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