योगी सरकार दलितों के लिए बहुत बुरी साबित होने वाली है: चंद्रशेखर आज़ाद

चंद्रशेखर ने कहा, 'पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने, आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे सबूत दें'

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चंद्रशेखर ने कहा, ‘पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने, आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे सबूत दें, ताकि लोगों को पता चले’

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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण. (फोटो: एबीपी के वीडियो फुटेज से)

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले महीने हुई हिंसा के मामले में वांछित भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पुलिस और प्रशासन पर पकड़ समाप्त हो चुकी है. उनका कहना है कि राज्य में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा पिछले दो-ढाई महीने में जितनी हुई है, उतनी तो पिछले एक साल में भी नहीं हुई थी.

चंद्रशेखर ने जालंधर से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जगह पर बातचीत करते हुए कहा, मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार पिछले ढाई महीने में दलितों के मसले पर पूरी तरह विफल साबित हुई है और अभी तक के कार्यकाल से ऐसा लगता है कि यह सरकार दलितों के लिए बहुत बुरी साबित होने वाली है.

चंद्रशेखर ने कहा, मुख्यमंत्री दलित मामले में शासन-प्रशासन से बेख़बर हैं और पुलिस तथा प्रशासन पर उनका वर्चस्व समाप्त हो चुका है और यही कारण है कि पिछले ढाई महीने में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा और अत्याचार के जितने मामले सामने आए हैं, उतने पिछले एक साल में भी नहीं हुए.

दोषियों के बजाय निर्दोष जेल में डाले जा रहे

पेशे से अधिवक्ता चंद्रशेखर ने कहा, सहारनपुर में जो तांडव हुआ, उसके दोषियों को पकड़ने की बजाए प्रशासन निर्दोष लोगों को पकड़कर जेल में बंद कर रहा है, ख़ासकर उनको जिनसे उस हिंसा का कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा कर सरकार जानबूझकर दलित युवकों में आक्रोश पैदा कर रही है.

यह पूछने पर कि चुनाव में दलितों ने भी भाजपा को वोट दिया था, चंद्रशेखर ने कहा कि लोगों को तो यह लगता था कि भाजपा अच्छा काम करेगी. भाजपा के नारे, सबका साथ सबका विकास के बारे में चंद्रशेखर ने कहा, नहीं उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है.

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर. फोटो: फेसबुक से
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर. (फोटो: फेसबुक से)

एक अन्य सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा, मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार ने कसम खा रखी है और इसलिए दलितों को जेल में डाला जा रहा है तथा लोगों का भरोसा पुलिस और प्रशासन से उठता जा रहा है.

यह पूछने पर कि एक अधिवक्ता अचानक पुलिस का वांछित क्यों हो गया, उन्होंने कहा, दलितों के हक के लिए आवाज़ उठाने को लेकर, लेकिन मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा है.

यह पूछे जाने पर कि न्यायालय पर भरोसा है तो आप समर्पण क्यों नहीं कर देते, चंद्रशेखर ने कहा, मैंने पहले दिल्ली में पुलिस को और फिर मजिस्ट्रेट को कहा था, लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया. अब मैं चाहता हूं कि जेल में बंद 37 निर्दोष लोगों को जमानत मिले तो मैं आत्मसमर्पण कर दूंगा.

भीम आर्मी का काम दलितों का स्तर ऊंचा उठाना है

भीम आर्मी की स्थापना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार और दलितों के साथ सामाजिक भेदभाव को देखते हुए ही वह अपना करियर छोड़कर सामाजिक काम के लिए आगे आए और भीम आर्मी की स्थापना की जिसका काम दलितों का सामाजिक स्तर ऊंचा उठाना और बच्चों को पढ़ाना है.

यह पूछने पर कि भीम आर्मी को धन कहां से मिलता है, उन्होंने कहा, लोगों का भरोसा ही इसकी पूंजी है.

हिंसा और इसमें सुमित नामक युवक की मौत के बारे में पूछने पर चंद्रशेखर ने कहा, शोभायात्रा निकालने के लिए दलितों को धमकी दी गई कि अगर कोई बीच में आएगा तो उसे गोली खानी होगी. इस पर हमने पुलिस से संपर्क किया तो यह अफ़वाह फैल गई कि दलितों ने शोभायात्रा पर ऐतराज किया है जिसके बाद हमारे लोगों पर हमला हो गया.

चंद्रशेखर ने कहा, दलितों के घर जला दिए गए. जिस तरह से हमला हुआ, उससे ऐसा लगता है कि वह सुनियोजित था और इसी बीच सुमित नामक एक युवक की मौत हो गई. इस पर फिर अफवाह फैली कि सवर्णों के बच्चे को दलितों ने मार दिया.

…क्योंकि मुख्यमंत्री उन्हीं की जाति के हैं

यह पूछने पर कि सुमित की मौत से भीम आर्मी या आपका कोई संबंध तो नहीं है, चंद्रशेखर ने कहा, पुलिस ने पहले कहा कि गोली मारी गई है. बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो कहा गया कि दम घुटने से मौत हुई है. तो जो लोग दूसरों का घर जलाने जाएंगे, उनके अपने हाथ भी जलेंगे.

उन्होंने कहा, इसके बाद फिर क्या हुआ, सभी जानते हैं. सरकार, पुलिस और प्रशासन सभी उनके साथ हो गए क्योंकि मुख्यमंत्री उन्हीं की जाति के हैं.

पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने अथवा आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं उन्हें कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे सबूत दें, ताकि लोगों को पता चले.

उन्होंने आरोप लगाया, कहा गया कि हिंसा से पहले मेरे बैंक खाते में 50 लाख रुपये जमा हुए हैं. मेरे खाते की जांच क्यों नहीं कराई जाती? पुलिस केवल आरोप लगा रही है और मीडिया वाले वही छाप रहे हैं.