‘आरएसएस के प्रधानमंत्री’ भारत माता से झूठ बोलते हैं: राहुल गांधी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हिरासत केंद्र बनाए जाने और हिरासत केंद्र बनाने को लेकर केंद्र द्वारा विभिन्न राज्यों को भेजे गए दिशानिर्देशों को नकारते हुए बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा था कि भारत में कहीं भी हिरासत केंद्र नहीं है.

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Raipur: Congress President Rahul Gandhi addresses a convention of farmers, at Rajyotsav Mela ground in Naya Raipur, Monday, Jan 28, 2019. (PTI Photo) (PTI1_28_2019_000141B)
राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हिरासत केंद्र बनाए जाने और हिरासत केंद्र बनाने को लेकर केंद्र द्वारा विभिन्न राज्यों को भेजे गए दिशानिर्देशों को नकारते हुए बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा था कि भारत में कहीं भी हिरासत केंद्र नहीं है.

Raipur: Congress President Rahul Gandhi addresses a convention of farmers, at Rajyotsav Mela ground in Naya Raipur, Monday, Jan 28, 2019. (PTI Photo) (PTI1_28_2019_000141B)
राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश में ‘हिरासत केंद्र’ नहीं होने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘आरएसएस के प्रधानमंत्री’ भारत माता से झूठ बोलते हैं.

असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए गांधी ने ट्वीट किया, ‘आरएसएस के प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलते हैं.’

गांधी ने अपने बयान के साथ एक वीडियो साझा किया है जिसमें कथित तौर पर असम में एक निर्माणाधीन हिरासत केंद्र को दिखाया गया है.

दरअसल, बीते रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि देश में ‘हिरासत केंद्र’ को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं.

मोदी ने रामलीला मैदान से कहा, ‘जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं…उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी, दोनों का कोई लेना देना नहीं है. कोई देश के मुसलमानों को ना डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है, ना हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है. ये सफेद झूठ है, ये बदइरादे वाला खेल है, ये नापाक खेल है.’

उन्होंने कहा था, ‘कांग्रेस और उसके साथी अर्बन नक्सली एनआरसी पर देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर का डर दिखा रहे हैं जबकि उनकी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी शब्द की कभी चर्चा तक नहीं हुई. उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर में भेजने की बात तो दूर, देश में डिटेंशन सेंटर है ही नहीं.’

इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा था, ‘क्या प्रधानमंत्री मोदी का यह मानना है कि भारतीय एक साधारण गूगल सर्च के जरिए उनके झूठ का पता नहीं लगा सकते? डिटेंशन सेंटर की बात वास्तविक है और जब तक यह सरकार सत्ता में है तब तक यह बढ़ते रहेंगे.’

इसके साथ पार्टी ने तीन मीडिया रिपोर्ट्स को अटैच किया है. जिसमें एक गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय का बयान है कि पूरे असम में मौजूद डिटेंशन सेंटर में 28 अवैध प्रवासियों की मौत हो गई है.

हालांकि, द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि नरेंद्र मोदी के दावों में सच्चाई नहीं है और ये तथ्यों की बुनियाद पर खरे नहीं उतरते हैं. संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने कई बार बताया गया है कि असम में कई डिटेंशन सेंटर हैं और अन्य राज्यों में डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र ने दिशानिर्देश जारी किए हैं.

बता दें कि ये छह डिटेंशन सेंटर असम के गोलपाड़ा, कोकराझार, सिल्चर, डिब्रूगढ़, जोरहाट और तेजपुर में है. इनमें महिला एवं पुरुष के अलावा बच्चों को भी बंदी बनाकर रखा जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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