एयर इंडिया ने 10 लाख से ज़्यादा बकाया वाली सरकारी एजेंसियों को उधार टिकट देना बंद किया

एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सूचना ब्यूरो, केंद्रीय श्रम संस्थान समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों पर एयर इंडिया का तक़रीबन 268 करोड़ रुपये का बकाया है.

(फोटो: रॉयटर्स)

एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सूचना ब्यूरो, केंद्रीय श्रम संस्थान समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों पर एयर इंडिया का तक़रीबन 268 करोड़ रुपये का बकाया है.

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नई दिल्ली: कर्ज तले दबी सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया ने सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को उधार में टिकट जारी करना बंद कर दिया है. इन एजेंसियों पर टिकट का 10 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है.

एअर इंडिया का शुद्ध घाटा 2018-19 में करीब 8,556 करोड़ रुपये था. फिलहाल कंपनी पर 60,000 करोड़ रुपये से ऊपर का कर्ज है.

एअर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सूचना ब्यूरो, केंद्रीय श्रम संस्थान, सीमा सुरक्षा बल और भारतीय लेखा परीक्षा बोर्ड समेत विभिन्न एजेंसियों को बता दिया गया है कि उनके अधिकारियों को उधार टिकट नहीं दिया जाएगा. इनमें से हर एजेंसी पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है.’

अधिकारी ने कहा कि एअर इंडिया का इन सरकारी एजेंसियों पर कुल मिलाकर करीब 268 करोड़ रुपये बकाया है. इन एजेंसियों से लगभग 50 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

अधिकारी ने कहा, ‘इन सरकारी एजेंसियों के अधिकारी साधारण ग्राहक की तरह टिकट खरीद सकते हैं. उन्हें उधार में टिकट जारी नहीं किया जाएगा.’

दैनिक जागरण के मुताबिक घाटे में चल रही एयर इंडिया में विनिवेश के लिए विनिवेश विभाग जनवरी में बोलियां मंगा सकती है. वहीं, अपने भविष्य को लेकर चिंतित एयर इंडिया कर्मचारी हड़ताल का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले भी जुलाई में एयर इंडिया के कर्मचारियों और अधिकारियों ने एयरलाइन को बेचने के सरकार की कोशिश पर कड़ा विरोध जताया था. एयर इंडिया की 13 यूनियनों ने निजीकरण के विरोध का फैसला किया था.

सात जुलाई को निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने कहा था कि एयर इंडिया की बिक्री का काम 4-5 महीने में पूरी होने की उम्मीद है.

अतनु चक्रवर्ती ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में एयर इंडिया की बिक्री शामिल नहीं है. सरकार संभावित खरीददार को एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश कर सकती है. एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) इस बाबत अंतिम निर्णय करेगा.

मालूम हो कि केंद्रीय बजट में नागरिक विमानन मंत्रालय को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 4,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह पिछले वित्त वर्ष (2018-19) में आवंटित 9,700 करोड़ रुपये से 115 फीसदी कम है. वित्त वर्ष 2018-2019 के अंत तक एयर इंडिया पर 58,300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का कर्ज था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)