जेएनयू हिंसा को लेकर प्रख्यात अर्थशास्त्री सीपी चंद्रशेखर ने केंद्र की समिति से इस्तीफा दिया

देश के आर्थिक आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बाद पिछले महीने केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन की अध्यक्षता में ये पैनल बनाया था, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करना और इसकी विश्वसनीयता बहाल करना है.

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देश के आर्थिक आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बाद पिछले महीने केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन की अध्यक्षता में ये पैनल बनाया था, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करना और इसकी विश्वसनीयता बहाल करना है.

C.P. Chandrasekhar.
प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर

नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बीतों दिनों हुई हिंसा के बाद प्रख्यात अर्थशास्त्री और जेएनयू के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करने वाले केंद्र के पैनल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

चंद्रशेखर ने अपने इस्तीफे का कारण जेएनयू में चल रहे विवाद और देश की सांख्यिकीय प्रणाली में विश्वसनीयता बहाल करने के लिए बने सरकारी पैनल में विश्वास की कमी बताया है.

देश के आर्थिक आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बाद पिछले महीने केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन की अध्यक्षता में 28 सदस्यीय पैनल बनाया था, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करना और इसकी विश्वसनीयता बहाल करना है.

पिछले साल जनवरी, 2019 में रोजगार के आंकड़ों को दबाने और आयोग द्वारा सलाह नहीं लेने के आरोप में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो गैर-सरकारी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था.

बीते सोमवार की रात को समिति के सभी सदस्यों को भेजे अपने ईमेल में उन्होंने लिखा, ‘मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि जेएनयू, जहां मैं रहता हूं, की स्थिति के कारण मैं कल की बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा. इसके अलावा, मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में यह समिति सांख्यिकीय प्रणाली की विश्वसनीयता को बहाल करने में सक्षम नहीं है.’

इस समिति की पहली बैठक सात जनवरी यानी की मंगलवार को होनी है. हालांकि सीपी चंद्रशेखर अब इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.

उन्होंने अपने ईमेल में आगे लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक दबावों ने अब अपने (सांख्यिकीय प्रणाली के सहयोगियों) की स्वायत्तता को कम कर दिया है और एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई प्रणाली को मजबूत करने के प्रयासों को विकृत किया जा रहा है. इन परिस्थितियों में मैं इस समिति को अपना योगदान नहीं दे पाउंगा.’

मालूम हो कि बीते रविवार की देर रात कुछ अज्ञात लोगों का एक समूह नकाब बांधकर जेएनयू कैंपस में घुस आया और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की और छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा. इसे लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. जेएनयू छात्र संघ का दावा है कि हिंसा करने वाले लोग एबीवीपी नेता एवं कार्यकर्ता हैं.

हिंसा के दौरान कैंपस में मौजूद चंद्रशेखर ने इस घटना को ‘परेशान करने वाला’ और ‘असाधारण’ बताया था.

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