सरकार की दीर्घकाल में सभी आयकर छूट समाप्त करने की योजना: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

/
(फोटो: पीटीआई)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार का इरादा दीर्घकाल में सभी प्रकार की छूट को समाप्त करना है. उन्होंने बजट में छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों के लिए आयकर की दरों में कटौती की घोषणा करने के बाद यह बात कही.

लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में कटौती से पहले पिछले साल सितंबर में कंपनी कर में कटौती की गयी थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियां नहीं मिलेगी.

नए ढांचे में विभिन्न आय वर्ग के करदाताओं के लिए दरों में कटौती की गई है और कुछ नए स्लैब बनाए हैं. नए वैकल्पिक कर ढांचे में 30 प्रतिशत की उच्चतम दर 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होती है, जबकि पहले से चल रहे ढांचे में 10 लाख रुपये से अधिक की आय 30 प्रतिशत की कर दर के तहत आती है.

वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

नई कर व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था की गई है. अभी 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है. 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. अभी यह 20 प्रतिशत है.

इसी तरह 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत कर की व्यवस्था की गई है, अभी इस आय पर 30 प्रतिशत कर लिया जाता है. 12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत कर लिया जाएगा, जिसकी दर अभी 30 प्रतिशत है. वही. 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

मंत्री ने बजट पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जब भी जरूरत होगी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध करायी जाएगी.

हालांकि उनके बजट भाषण में इस अतिरिक्त पूंजी के बारे में कोई ठोस राशि का उल्लेख नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में सुधार के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रह सकता है.

विनिवेश सचिव टीके पांडे ने कहा कि अगले कुछ महीनों में बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री होगी और उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है.

उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी बेचे जाने के लिये रूचि पत्र जल्दी ही जारी किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq