यूपी: सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले 11 लोगों नोटिस, 50 लाख रुपये के बॉन्ड भरने का आदेश

संभल ज़िले के नखासा थाना क्षेत्र के हुसैना बाग में जनवरी से करीब 500 महिलाएं सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इनमें से ग्यारह को स्थानीय पुलिस की एक रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने नोटिस भेजा है.

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Demonstrators shout slogans during a protest against a new citizenship law, in Ahmedabad, India, December 19, 2019. REUTERS/Amit Dave

संभल ज़िले के नखासा थाना क्षेत्र के हुसैना बाग में जनवरी से करीब 500 महिलाएं सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इनमें से ग्यारह को स्थानीय पुलिस की एक रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने नोटिस भेजा है.

Demonstrators shout slogans during a protest against a new citizenship law, in Ahmedabad, India, December 19, 2019. REUTERS/Amit Dave
फोटो: रॉयटर्स

संभल/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल जिले में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले 11 लोगों को नोटिस जारी करके 50-50 लाख रुपये के बॉन्ड भरने को कहा है.

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने नखासा थाना क्षेत्र में स्थानीय पुलिस की एक रिपोर्ट के आधार पर सीआरपीसी की धारा 111 (किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मजिस्ट्रेट आदेश जिसमें शांति भंग होने की संभावना है) के तहत नोटिस भेजा है.

प्रदर्शनकारियों से कहा गया है प्रत्येक व्यक्ति 50 लाख रुपये के निजी बॉन्ड पर हस्ताक्षर करें जिसमें लिखा हो कि आगे शांति बनी रहेगी.

नखासा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने कहा, ‘जिन 11 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है उसमें कहा कहा गया है कि पुलिस को संदेह है कि वे हिंसा में शामिल हो सकते हैं इसलिए पचास लाख रुपये का एक व्यक्तिगत बॉन्ड और उतनी राशि के लिए दो जमानतदार उनमें से प्रत्येक से ली जानी चाहिए. इसके अलावा अन्य 24 लोगों को जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा.’

पुलिस के अनुसार नखासा थाना क्षेत्र के हुसैना बाग के पास एक खेत में बीते जनवरी महीने से करीब 500 महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

नखासा पुलिस थाने के एसएचओ देवेंद्र सिंह धामा ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने के लिए अवज्ञा) और 505 (सार्वजनिक दुर्व्यवाहर की निंदा करने वाला बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

धामा ने ये भी बताया कि कुछ दिन पहले 36 लोगों का नाम शामिल करते हुए एक रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी गई थी जिसमें अनुरोध किया गया था कि इन व्यक्तियों को एक बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत शांति बनाए रखी जाएगी.

धामा ने कहा, ‘ज्यादातर महिला प्रदर्शनकारी हैं जिनकी मदद पुरुष कर रहे हैं. हमने प्रारंभिक जांच के आधार पर एक सूची तैयार की है.’

इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले 21 लोगों के खिलाफ नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि लखनऊ में धरनास्थल पर कथित रूप से भड़काऊ नारेबाजी करने और यातायात जाम करने के लिए उक्त कार्रवाई की गई है.

सूत्रों ने बताया कि नसरीन, जावेद उज्मा, परवीन, सबी फातिमा, नाहिद अकील, रुखसाना जिया, नताशा, सना सहित 21 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है जबकि सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

यह मामला राजधानी के ठाकुरगंज थाने में दर्ज किया गया है. अमर उजाला के मुताबिक इस मामले में दो नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है.

इन सभी पर सोशल मीडिया पर बिना किसी विधिक अनुमति के अवैध रूप से धरना देने, प्रदर्शन करने के लिए मैसेज प्रसारित करने, बैंड लगाकर उत्तेजक नारेबाजी करने और नो पार्किंग में आड़ी तिरछी गाड़ियां खड़ी कर जाम लगाने के संबंध में थाना ठाकुरगंज में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.

उसी दौरान 19-20 दिसंबर को संभल में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. हिंसा के संबंध में 12 एफआईआर दर्ज की गईं और 48  लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कुछ लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है.

हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिह्नित कर नोटिस जारी किए थे और सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने को कहा गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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