भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में वास्तविकता से इनकार किया जा रहा है और नए विचार, नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है.

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भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में वास्तविकता से इनकार किया जा रहा है और नए विचार, नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है.

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नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली. पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच सिंधिया ने बीते मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

हालांकि कांग्रेस का कहना है कि प्रार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें कांग्रेस से निष्कासित किया गया था.

भाजपा की सदस्यता हासिल करते हुए उन्होंने कहा, ‘व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जो व्यक्ति के जीवन को बदल के रख देते हैं. मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रही हैं. पहला, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया और दूसरा, उनकी 75वीं वर्षगांठ के मौके पर एक मोड़ का सामना करके मैंने एक निर्णय लिया है.’

सिंधिया ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए. मैंने पिछले 18 सालों में भारतीय कांग्रेस पार्टी के जरिए पूरी श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की. लेकिन अब मन दुखी है.’

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के उद्देश्य की पूर्ति आज उस संगठन (कांग्रेस) के माध्यम से नहीं हो पा रही है. कांग्रेस पार्टी जो पहले थी वो आज नहीं रही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में वास्तविकता से इनकार किया जा रहा है और नए विचार, नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है.

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘2018 में सरकार बनने के साथ हमने जो सपना पिरोया था, वो 18 महीने में ही पूरी तरह से बिखर गया.’

सिंधिया द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद बेंगलुरु में रह रहे छह राज्य मंत्रियों समेत कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है.

अब ये माना जा रहा है कि सिंधिया के भाजपा में आने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर खतरा है क्योंकि सिंधिया के खेमे वाले विधायक भी भाजपा के साथ आ सकते हैं.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 114 विधायकों में से सिंधिया के खेमे में करीब 30 प्रतिशत विधायक माने जाते हैं जिनकी संख्या 30 से 40 के बीच है. इसलिए कांग्रेस सरकार का गिरना तय माना जा रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार में दरकिनार किए जाने से काफी नाराज चल रहे थे.

हालांकि ये कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस में बड़ा पद देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया से समझौता किया जा सकता है.

बीते मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.