यूपी के चुनावी मैदान में डटीं कई नेताओं की पत्नियां

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई नेताओं की पत्नियों ने मोर्चा संभालकर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई नेताओं की पत्नियों ने मोर्चा संभालकर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं.

Dimple Yadav
उत्तर प्रदेश में एक सभा के दौरान सांसद डिंपल यादव. (फोटो: फेसबुक)

इस बार चुनाव में ऐसे राजनेताओं की पत्नियां चुनाव मैदान में हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर जो किसी अन्य कारण से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं.

सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

बसपा की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी इस बार आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के आरोपों की वजह से भदोही से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. ऐसे में यहां से उनकी पत्नी प्रमिला धर त्रिपाठी अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.

इसी तरह इलाहाबाद की मेजा सीट पर आपराधिक छवि वाले उदयभान सिंह करवरिया ने अपनी पत्नी नीलम करवरिया को भाजपा से टिकट दिलवाया है और उन्हें जिताने के लिए वह भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

भाजपा को ही देखें तो पार्टी के महिला मोर्चे की अध्यक्ष स्वाति सिंह एक और मिसाल हैं. भाजपा के निष्कासित पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट से चुनाव लड़ रही हैं. इस सीट पर भाजपा पहले कभी नहीं जीती है, लिहाजा उनके सामने इतिहास रचने की चुनौती है.

स्वाति ने अपने पति दयाशंकर द्वारा बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किए जाने को लेकर बसपा कार्यकर्ताओं के आपत्तिजनक प्रदर्शन के विरोध में मोर्चा खोला था और मायावती से तल्ख़ सवाल करके सुर्खियों में आई थीं.

Swati Singh
भाजपा के निष्कासित पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट से चुनाव लड़ रही हैं. (फोटो फेसबुक)

पूर्व विधायक दिलीप वर्मा की कांग्रेस विधायक पत्नी माधुरी वर्मा इस बार भाजपा के टिकट पर बहराइच की नानपारा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. बहराइच में ही मौजूदा विधायक वकार अहमद शाह की पत्नी रुआब सईदा इस बार बहराइच सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. शाह अखिलेश यादव सरकार में मंत्री थे, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से उनके विधायक पुत्र यासिर शाह को उनके स्थान पर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.

भाजपा सांसद कौशल किशोर की पत्नी जय देवी इस बार लखनऊ की मलीहाबाद सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.

इसी तरह, आगरा की बाह सीट से रानी पक्षालिका भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वह हाल में भाजपा में शामिल हुए राजा महेंद्र अरिदमन सिंह की पत्नी हैं, जो राज्य की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट पर अलका राय भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वह भाजपा के दिवंगत पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं. राय की वर्ष 2005 में कथित रूप से मुख्तार अंसारी गिरोह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अंबेडकरनगर की टांडा सीट से संजू देवी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वह हिंदू युवा वाहिनी के नेता रामबाबू गुप्ता की पत्नी हैं, जिनकी वर्ष 2013 में एक सांप्रदायिक घटना में हत्या कर दी गई थी.

संजू अपने पति के नाम पर वोट मांगी रही हैं और अपने पति की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने की जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं.

राष्ट्रीय लोकदल रालोद के दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी शोभा सिंह अब भाजपा में शामिल हो गई हैं. वह फ़ैज़ाबाद की बीकापुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर बसपा विधायक पूजा पाल इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. उनके पति राजू पाल की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का नाम सामने आया था. पूजा अपने पति की सियासी विरासत को आगे बढ़ा रही हैं.

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