कोरोना को लेकर भीड़ न जुटने की सलाह के बीच अयोध्या में रामनवमी मेला कराएगी योगी सरकार

कोरोना वायरस के ख़तरे के मद्देनज़र अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से राम नवमी मेला कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध किया था.

Lucknow: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath during a BJP Sikh Samaj Sammelan, in Lucknow, Monday, Oct 29, 2018. (PTI Photo)(PTI10_29_2018_000208B)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

कोरोना वायरस के ख़तरे के मद्देनज़र अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से राम नवमी मेला कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध किया था.

अयोध्या. (फोटो साभार: विकिमीडिया)
अयोध्या. (फोटो साभार: विकिमीडिया)

नई दिल्ली: दुनियाभर में फैले कोरोनो वायरस महामारी को रोकने के लिए जहां देश की भी कई राज्य सरकारें अपने-अपने यहां तमाम तरह के एहतियातन कदम उठाने में लगी हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में एक भव्य कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी है.

इस राम नवमी मेला का आयोजन 25 मार्च से 2 अप्रैल को होगा जिसमें लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के इकट्ठा होनी की उम्मीद जताई जा रही है.

सबसे आश्चर्य की बात यह है कि राज्य सरकार ने इस मेले के आयोजन का फैसला इसे आयोजित न कराने की पेशेवर सलाह मिलने के बाद भी किया है.

अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सरकार से कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध किया था.

डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी घनश्याम सिंह ने कहा था, ‘हमारे पास इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जांच करने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं हैं.’

सरकार के सूत्रों ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने एक हिंदुओं की नाराजगी से बचने के लिए मेले के आयोजन को मंजूरी दी है. उनका कहना है कि इस मेले में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है लेकिन राम मंदिर निर्माण को लेकर पिछले साल आए फैसले को देखते हुए इस साल इसका विशेष महत्व होगा.

हालांकि, मेले के आयोजन को लेकर सरकार के फैसले के बाद अधिकारियों के रुख में बदलाव आ गया है और वे लोगों को आश्वस्त कर रहे हैं कि कोरोना वायरस को फैसले से रोकने के लिए सरकार सभी इंतजाम करेगी.

सभी इंतजाम किए जाने का दावा करते हुए अयोध्या के एक अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं से मास्क पहनने को कहा जाएगा. इसके साथ ही वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों को बताया जाएगा कि क्या करना है और क्या नहीं करना है.

मंदिर निर्माण समिति के सदस्य और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने भी उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का बचाव किया. द प्रिंट से उन्होंने कहा, ‘यह परंपरा का हिस्सा है और हम सावधानी बरतेंगे लेकिन रामनवमी के मेले को रद्द करने की कोई योजना नहीं है. जिला प्रशासन पिछले एक महीने से तैयारी कर रहा है.’

इस बीच, आदित्यनाथ सरकार के फैसले पर हिंदु संतों और हिंदुत्व संगठनों के एक धड़े ने खुशी जताई है. अयोध्या के महंत परमहंस ने कहा, ‘इसे (मेले को) रोका नहीं जा सकता है…इससे लाखों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी…और यह साल अधिक महत्वपूर्ण है…पहली बार राम लला आजाद हुए हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि राम यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘श्रद्धालुओं को कोई नुकसान न पहुंचे.’ उन्होंने कहा कि सभी संत एक ‘सुरक्षित कार्यक्रम’ के लिए ‘यज्ञ’ का आयोजन करेंगे.’

राज्य सरकार श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए दूरदर्शन पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने की भी योजना बना रही है. 25 मार्च को मेले के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के पहली आरती करने की उम्मीद है.

ऐसी खबरें भी सामने आईं कि इस कार्यक्रम को मंजूरी देने से पहले सरकार पर विश्व हिंदू परिषद दबाव बना रहा था. मंदिर निर्माण की देखरेख करने वाली समिति राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) इस साल राम नवमी के लिए बड़े समारोहों की योजना बना रहे हैं.

कोरोना वायरस के खतरे पर वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने द प्रिंट से कहा, ‘2.75 लाख गांवों में, राम की मूर्ति या तस्वीर स्थापित की जाएगी और पूजा की जाएगी लेकिन कोरोनोवायरस के खतरे के कारण हमने सलाह दी है कि इस अवधि के दौरान बड़े सामूहिक कार्यक्रमों से बचा जाना चाहिए.’

अयोध्या के विधायक और भाजपा नेता वेद प्रकाश गुप्ता ने वीएचपी का बचाव किया और द प्रिंट को बताया कि यह जिला प्रशासन का कर्तव्य था कि वह श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए मास्क वितरित करे… लेकिन राम नवमी मेला रद्द करने का विकल्प परंपरा और विश्वास के खिलाफ है.
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