कोरोना वायरस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण चक्र तोड़ना ज़रूरी है और इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन ज़रूरी है.

Jabalpur: A man listens to Prime Minister Narendra Modi's address to the nation on coronavirus pandemic in Jabalpur, Thursday, March 19, 2020. (PTI Photo)(PTI19-03-2020_000243B)

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण चक्र तोड़ना ज़रूरी है और इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन ज़रूरी है.

Jabalpur: A man listens to Prime Minister Narendra Modi's address to the nation on coronavirus pandemic in Jabalpur, Thursday, March 19, 2020. (PTI Photo)(PTI19-03-2020_000243B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने आज रात (24 मार्च) को से पूरे देश के हर हिस्से में लॉकडाउन रहेगा.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ये जरूरी है. कोरोना का संक्रमण चक्र तोड़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह एक तरह से कर्फ्यू की तरह ही होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों घरों में ही रहने की अपील की है.

मोदी ने कहा कि आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है.

उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस से पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और इसे दो लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे. इतना ही नहीं ये और भी भयावह है कि दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक पहुंचने में इस महामारी को सिर्फ चार दिन लगे.’

उन्होंने कहा, ‘यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए.’

मोदी ने कहा कि कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा न लांघी जाए. भारत आज उसे स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि हम इस आपदा को कितना कम कर सकते हैं. हमें घर से बाहर नहीं निकलना है. चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है।

उन्होंने कहा कि आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत आज उस स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं. ये समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है. ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है. जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है.’

उन्होंने कहा कि इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बनी रहे, इसके लिए उपाय किए गए हैं और आगे भी यह बनी रहेगी.

उन्होंने बीमारी के लक्षणों के दौरान डॉक्टरों की सलाह के बिना कोई भी दवा न लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का खिलवाड़, आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है.

मालूम हो कि इस महीने यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. इससे पहले बीते 19 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने बीते 22 मार्च रविवार को एक दिन के जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी.

मोदी ने कहा था, ‘22 मार्च को हमारा यह प्रयास, हमारा आत्म संयम, देश हित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा.’

उन्होंने कहा था कि जनता कर्फ्यू जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू है. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि 22 मार्च की शाम पांच बजे डॉक्टरों, चिकित्सा के पेशों में लगे लोगों, साफ-सफाई में लगे कर्मचारियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहिए.

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