सरकार ने ज़रूरी दवाओं की घर पर आपूर्ति की अनुमति दी

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.

(फोटो: रॉयटर्स)

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.

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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन की स्थिति के मद्देनजर जरूरी दवाओं की घर पर ही आपूर्ति कराने की अनुमति दे दी है, जिससे लोगों को घर से निकलने से रोका जा सके.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी अधिसूचना में खुदरा दवा विक्रेताओं को उपभोक्ता के घर पर जरूरी दवाओं की आपूर्ति करने की अनुमति दे दी गयी है. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.

अधिसूचना के अनुसार, लोगों को लॉकडाउन के दौरान दवा लेने के लिए घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त है कि कोरोना वायरस नामक महामारी से उपजी आपात स्थितियों के मद्देनजर दवाओं की होम डिलीवरी जरूरी है.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘उपभोक्ताओं तक दवाओं को पहुंचाने के लिए इनकी बिक्री और वितरण को विनियमित करना जरूरी है.’

अधिसूचना के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, वो ‘शेड्यूल एच’ के अंतर्गत आती हैं. इसका मतलब है कि ऐसी दवाओं को किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं खरीदा जा सकेगा.

इसके मुताबिक, ऐसी दवाओं की बिक्री योग्य डॉक्टर के पर्चे पर ही होगी, जिसे उपभोक्ता को भौतिक रूप से या भी ईमेल के जरिये प्रस्तुत करना होगा.

मालूम हो कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर देश में 25 मार्च से शुरू होकर 21 दिनों तक लॉकडाउन है.

लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के तहत बाजार में दवा एवं दूध एवं सब्जी सहित अन्य आवश्यक सामान की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है. ऐसे में मरीज़ों को दवा खरीदने के लिए मेडिकल स्टोर पर जाना पड़ रहा है.

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