अमेरिका ने पत्रकार डेनियल पर्ल हत्याकांड के दोषी की मौत की सज़ा को क़ैद में बदलने की आलोचना की

अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय डेनियल पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर लिया गया था और उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.

A portrait of Wall Street Journal reporter Daniel Pearl stands at the altar of St. Bride's Church prior to a memorial service in London on March 5, 2002. A Pakistani court overturned the convictions of four men in Pearl's murder on April 2, 2020. (Reuters/Ian Waldie)

अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय डेनियल पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर लिया गया था और उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.

डेनियल पर्ल. (फोटो साभार: विकिपीडिया)
डेनियल पर्ल. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मुख्य दोषी की मौत की सजा कैद में बदल दी गई है.

अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ लड़ाई में वास्तविक प्रतिबद्धता दिखाए.

उसने इस फैसले को अपमानजनक बताया. दक्षिण एशिया मामलों की शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने कहा, ‘डेनियल पर्ल की हत्या के दोषियों की सजा पलटना आतंकवाद के हर पीड़ित का अपमान करना है. इसका पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है.’

उन्‍होंने कहा कि अमेरिका हर जगह आतंकवाद के पीड़ितों के साथ है.

वेल्स ने पाकिस्तान के अभियोजकों की ओर से मिले संकेतों का स्वागत किया, जिनके मुताबिक वे शेख की सजा पलटने के खिलाफ अपील करेंगे.

अल जजीरा के मुताबिक वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को कहा, ‘हम डेनियल पर्ल की हत्या के लिए न्याय चाहते हैं. डेनियल प्यारे सहकर्मी थे और हम हमेशा उनकी यादों और काम का सम्मान करेंगे.’

अभियोजक जनरल फैज शाह ने कहा कि वह अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने पर विचार करेंगे.

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के एशिया कार्यक्रम समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, ‘पाकिस्तानी कोर्ट ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में जो फैसला सुनाया उससे सीपीजे को गहरी निराशा हुई. हम अभियोग पक्ष के लोगों से मांग करते हैं कि वो इस फैसले के खिलाफ अपील करें, जिसमें मुख्य दोषी अहमद उमर सईद शेख को इस अपराध में सिर्फ पर्ल का अपहरण करने का दोषी पाया गया, उनकी हत्या के लिए नहीं.

गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक अदालत ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले के मुख्य दोषी एवं ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा बृहस्पतिवार को सात साल के कैद में बदल दी और साथ ही तीन अन्य को मामले में रिहा कर दिया.

चारों दोषियों के वकीलों ने दावा किया था कि अभियोजन पक्ष उनके हत्या में शामिल होने के पर्याप्त सबूत देने में विफल रहा है.

अमेरिकी नागरिक वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल को 23 जनवरी, 2002 में कराची से अगवा कर लिया गया था और उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.

वह पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन अल-कायदा के बीच संबंध की पड़ताल करने वाली एक स्टोरी के सिलसिले में वहां गए थे.

15 जुलाई, 2002 को हैदराबाद आतंकवाद निरोधक अदालत ने मुख्य आरोपी अहमद उमर शेख को पत्रकार का अपहरण करने और उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. उसके तीन साथियों फहद नसीम, सैयद सलमान साकिब और शेख मुहम्मद आदिल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

अहमद उमर सईद शेख पिछले 18 सालों से जेल में है.

भियुक्त के वकील ख्वाजा नावेद ने बताया था, ‘क्योंकि उमर पहले ही 18 साल जेल की सजा काट चुके हैं, इसलिए वह कुछ दिनों में रिहा हो जाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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