कोरोना वायरस: मंत्रिसमूह ने 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आंशिक तौर पर हटाने का सुझाव दिया

कई राज्य सरकारों और विशेषज्ञों द्वारा लॉकडाउन की अवधि को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाए जाने के सुझाव के बाद कोरोना वायरस पर मंत्रियों के समूह ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है.

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की बैठक (फोटो साभारः ट्विटर)

कई राज्य सरकारों और विशेषज्ञों द्वारा लॉकडाउन की अवधि को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाए जाने के सुझाव के बाद कोरोना वायरस पर मंत्रियों के समूह ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है.

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की बैठक (फोटो साभारः ट्विटर)
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की बैठक (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले जीओएम का मानना है कि धार्मिक केंद्रों, शॉपिंग मॉल और शैक्षणिक संस्थानों को 14 अप्रैल के बाद कम से कम चार सप्ताह तक सामान्य गतिविधि शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

सूत्रों ने बताया कि सरकार का मानना है कि इससे स्कूल और कॉलेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे.

मालूम हो कि गर्मियों की छुट्टी आमतौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती है.

जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किए गए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने या नहीं बढ़ाए जाने की अटकलों के बीच देशभर में धार्मिक केंद्रों, सार्वजनिक स्थलों सहित उन स्थानों पर सरकार की पैनी नजर रहेगी जहां अधिक संख्या में लोगों के जमा होने की संभावना होगी.

मंत्रियों के समूह ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थिति, इससे निपटने को लेकर उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत समीक्षा की.

सूत्रों के मुताबिक, जीओएम की बैठक में 14 अप्रैल को लॉकडाउन का मौजूदा चरण समाप्त होने के बाद की संभावित स्थिति पर भी चर्चा की.

इस दौरान चिकित्सा प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस की जांच सुविधाओं को और बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की गई.

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि केंद्र सरकार कुछ राज्य सरकारों और विशेषज्ञों द्वारा कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल के बाद बढ़ाए जाने के लिए दिए गए सुझाव पर विचार कर रही है.

हालांकि, केंद्र की तरफ से अभी तक लॉकडाउन बढ़ाने का आधिकारिक तौर पर फैसला नहीं हुआ है.

इस संंबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हमारे लिए लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है. अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा किया जा सकता है लेकिन यदि लोग मर गए तो उन्हें दोबारा नहीं लाया जा सकता है. इसलिए यदि जरूरत पड़ती है तो लॉकडाउन को हम आगे बढ़ा देंगे. इस बारे में फैसला हालात को देखते हुए किया जाएगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा था कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना सही रहेगा. 21 दिन की अवधि खत्म होने के बाद तुरंत लॉकडाउन नहीं हटाया जा सकता है.

गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि हम लॉकडाउन तुरंत नहीं हटा सकते हैं. इसे चरणबद्ध तरीके से किया जाना होगा.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. च्ंद्रशेखर राव ने केंद्र को लॉकडाउन की अवधि को दो हफ्ते बढ़ाने का सुझाव दिया है.

मुख्यमंत्री राव ने इसके लिए बीसीजी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें लॉकडाउन को तीन जून तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया था.

राव ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री, भारत सरकार से अपील करता हूं कि वे बेझिझक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दें. किसी से भी सलाह लें, प्रत्येक मुख्यमंत्री से सलाह करें, पूरे देश के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करें, लेकिन सोच-समझकर फैसला लें क्योंकि भारत में हमारे पास इस जानलेवा वायरस से निपटने का और कोई हथियार नहीं है.’

उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने की संभावना लग रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार के सूत्रों के अनुसार, जब तक प्रदेश में कोरोना का एक भी मामला रहेगा, तब तक लॉकडाउन नहीं खोला जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करने के सुझाव मांग चुके हैं.

बता दें कि इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हरदीप सिंह पुरी, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आदि ने शिरकत की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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