राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ने मांगी इच्छा मृत्यु

श्रीलंकाई नागरिक रॉबर्ट पायस ने सरकार को लिखा- जब रिहाई की संभावना नहीं, तो ज़िंदा रहने का क्या मतलब है. 11 जून को पायस को जेल में कैद रहते हुए 26 साल हो गए हैं.

राजीव गांधी. (फोटो: पीटीआई)

श्रीलंकाई नागरिक रॉबर्ट पायस ने सरकार को लिखा- जब रिहाई की संभावना नहीं, तो ज़िंदा रहने का क्या मतलब है. 11 जून को पायस को जेल में कैद रहते हुए 26 साल हो गए हैं.

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राजीव गांधी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों में शामिल एक श्रीलंकाई नागरिक रॉबर्ट पायस ने तमिलनाडु सरकार को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु देने की मांग की है.

मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को लिखे भावुक पत्र में उसने कहा कि उसे दया के आधार पर मृत्यु दी जानी चाहिए और उसके शव को उसके परिवार को सौंप दिया जाना चाहिए.

जेल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पायस ने पुझल जेल प्रशासन के जरिए सरकार से याचिका की है. पायस ने कहा, हमें नहीं पता कि हमारी रिहाई पर रोक क्यों लगाई गई है. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने इन दोषियों की रिहाई की पहल की थी.

पायस ने कहा, ‘मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि जब रिहाई की कोई संभावना ही नहीं है, तो जिंदा रहने का कोई मतलब नहीं है.’ उसने कहा कि जेल की लंबी सजा से ना केवल उसे सजा मिली है, बल्कि उसके परिवार को भी सजा मिली है.

उसने कहा कि इस साल 11 जून को उसे जेल में कैद रहते हुए 26 साल हो गए. पिछले कई सालों में मेरे परिवार और अन्य रिश्तेदार भी मुझसे मिलने नहीं आए. इसलिए मुझे नहीं लगता कि मेरी जिंदगी का अब इसका कोई मतलब रह गया है.

गौरतलब है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी सभा में आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी. इसकी साजिश लिट्टे ने रची थी. इस मामले में नलिनी और उसके पति मुरुगन समेत तीन दोषियों को 28 जनवरी, 1998 में मौत की सजा सुनाई गई थी. बाद में नलिनी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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