अगर चीन विकासशील देश है तो अमेरिका को भी विकासशील बना दो: डोनाल्ड ट्रंप

कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें बड़े फायदे मिलते हैं क्योंकि वे विकासशील देश हैं. भारत एक विकासशील देश है. अमेरिका बड़ा विकसित देश है. हालांकि हमें भी कई विकास कार्य करने हैं.’

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटोः रॉयटर्स)

कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें बड़े फायदे मिलते हैं क्योंकि वे विकासशील देश हैं. भारत एक विकासशील देश है. अमेरिका बड़ा विकसित देश है. हालांकि हमें भी कई विकास कार्य करने हैं.’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटोः रॉयटर्स)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटोः रॉयटर्स)

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अगर चीन विकासशील देश होकर फायदा उठाता है तो अमेरिका को भी विकासशील देश ही बना दो.

ट्रंप ने कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘चीन ने अविश्वसनीय रूप से हमारा और अन्य देशों का फायदा उठाया है. आप जानते हैं कि उन्हें विकासशील राष्ट्र माना जाता है. मैं कहता हूं कि ठीक है फिर हमें भी विकासशील देश ही बना दीजिए.’

राष्ट्रपति ने चीन पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘उन्हें बड़े फायदे मिलते हैं क्योंकि वे विकासशील देश हैं. भारत एक विकासशील देश है. अमेरिका बड़ा विकसित देश है. हालांकि हमें भी कई विकास कार्य करने हैं.’

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा अमेरिका का फायदा उठाने की बात दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था तब बढ़ने लगी जब वह अमेरिका की मदद से डब्ल्यूटीओ में शामिल हुआ.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर वे हमसे निष्पक्षता से पेश नहीं आते तो हम उसे छोड़ देंगे.’

उन्होंने आरोप लगाया कि चीन 30 वर्षों से अमेरिका का फायदा उठा रहा है. उन्होंने कहा कि चीन ने डब्ल्यूटीओ के जरिए और ऐसे नियमों का इस्तेमाल कर फायदा उठाया है जो अमेरिका के लिए अन्यायपूर्ण रहे हैं.

ट्रंप ने कहा कि देश को कब खोलना है यह उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा फैसला होने जा रहा है.

कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण महज कुछ ही सप्ताह में अमेरिकी अर्थव्यवस्था थम-सी गई है. राष्ट्रीय आपातकाल के मद्देनजर 95 प्रतिशत से ज्यादा आबादी घरों में सिमटी हुई है और 1.6 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं.

इस जानलेवा संक्रामक रोग से अमेरिका में शुक्रवार तक 18,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लाख लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि देश को फिर से खोलने का फैसला कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस कार्य बल के सदस्यों समेत अपने करीबी सलाहकारों से विचार विमर्श के बाद उचित समय पर लिया जाएगा. उन्होंने इसके लिए कोई निश्चित तारीख नहीं बताई.

उन्होंने कहा, ‘मैं फैसला लेने जा रहा हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि यह सही फैसला हो लेकिन मैं बिना किसी सवाल के यह कहूंगा कि यह मेरा अब तक का सबसे बड़ा फैसला होगा.’

एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि उनके पास देश को फिर से खोलने पर फैसला लेने की शक्तियां हैं. उन्होंने कहा कि वह जितना संभव हो सके उतना जल्दी देश को फिर से खोलना चाहते हैं.

साथ ही ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका को फिर से खोलने पर डॉक्टरों और कारोबारियों की नयी परामर्श परिषद का जल्द ही गठन करेंगे.उन्होंने बताया कि नया कार्य बल अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक मामलों पर निपटेगा.

कुछ मीडिया खबरों के अनुसार, परिषद में वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन, उनके नए चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडॉज तथा उनकी बेटी और वरिष्ठ सलाहकार इवांका ट्रंप शामिल हो सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीन केंद्रित होने के अपने आरोप को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा उसे दी जाने वाली करीब 50 करोड़ डॉलर की निधि पर अगले सप्ताह घोषणा करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘हम अगले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन पर घोषणा करने जा रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं हम उन्हें एक साल में करीब 50 करोड़ डॉलर देते हैं और हम अगले सप्ताह इस पर बात करने जा रहे हैं. हमारे पास इसके बारे में कहने के लिए काफी कुछ होगा.’

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ के वित्त पोषण को रोकने की धमकी दी थी. सवालों के जवाब में ट्रंप ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ‘चीन केंद्रित’ बन गया है और चीन लंबे समय से अमेरिका का फायदा उठाता रहा है.

वहीं, ट्रंप के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रॉस गेब्रेयेसस ने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों का फोकस अपने लोगों की जिंदगी बचाने पर होनी चाहिए. इस वायरस का राजनीतिकरण न करें.

इस बीच, ट्रंप ने आशंका जताई कि गूगल-एप्पल टीम के कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए संक्रमण के संपर्क में आने वाले लोगों का आसानी से पता लगाने वाली तकनीक से नागरिकों की विभिन्न आजादी पर असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन इसकी निकटता से निगरानी करेगा.उन्होंने कहा, ‘इस गूगल और एप्पल साझेदारी से स्वतंत्रता की दिक्कत और कई चीजें हो सकती है. हम इस पर विचार करेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)