लॉकडाउनः लद्दाख में ज़रूरी सामान की कमी, उपराज्यपाल से मदद की गुहार

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन देकर कहा है कि अगर उनकी समस्याएं एक सप्ताह के भीतर नहीं सुलझती हैं तो क़ानून एवं व्यवस्था को लेकर पैदा होने वाली दिक्कतों में उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी.

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करगिल में मंगलवार को हड़ताल के दौरान लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं. (फोटो साभार: ट्विटर/@asmitabee)

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन देकर कहा है कि अगर उनकी समस्याएं एक सप्ताह के भीतर नहीं सुलझती हैं तो क़ानून एवं व्यवस्था को लेकर पैदा होने वाली दिक्कतों में उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी.

करगिल में मंगलवार को हड़ताल के दौरान लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं. (फोटो साभार: ट्विटर/@asmitabee)
करगिल (फोटो साभार: ट्विटर/@asmitabee)

श्रीनगर: कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन के बीच लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) ने घाटी में जरूरी सामानों की कमी को लेकर लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर को एक ज्ञापन सौंपा है.

लॉकडाउन की वजह से लद्दाख में जरूरी सामानों की कमी को ध्यान में रखते हुए एलएएचडीसी ने उपराज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कुछ मांगें रखते हुए कहा है कि अगर उनकी समस्याएं एक सप्ताह के भीतर नहीं सुलझती हैं तो कानून एवं व्यवस्था को लेकर पैदा होने वाली दिक्कतों में उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में 24 मार्च से लगे लॉकडाउन के बीच कारगिल जिला बीते साल नवंबर से बर्फबारी के चलते बाहरी दुनिया से कटा हुआ है. शुक्रवार से ही राजमार्ग खुले हैं लेकिन प्रतिदिन इन राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों को लेकर प्रतिबंध लगाए गए हैं.

एलएएचडीसी के मुख्य कार्यकारी काउंसिलर फिरोज अहमद ने बताया, ‘हम नवंबर महीने से ही बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं और जरूरी सामान भी खत्म हो रहा है. हमें यहां दालें, तेल, चीनी, आटा तक नहीं मिल पा रहा है. सब्जियों के बारे में सोचना तो निरर्थक है.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि सड़कें कल से खुली हैं, लेकिन प्रशासन ने प्रतिदिन सिर्फ दस ट्रकों को ही जोजिला सुरंग पार करने की मंजूरी दी है. शनिवार को ईंधन के 18 टैंकर भेजे गए, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी. यहां पर ईंधन की कमी नहीं है बल्कि खाने के सामान की कमी है.’

एलएएचडीसी कारगिल ने शनिवार को नगरपालिका और पंचायत निकायों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की और सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें जरूरी सामानों की बेरोक-टोक सप्लाई और ईरान सहित देश के अन्य हिस्सों से छात्रों और तीर्थयात्रियों को सकुशल निकाले जाने की मांग की गई.

इसके साथ ही इन मांगों में उन तीर्थयात्रियों को सकुशल निकाला जाना भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली है या जो ईरान में फंसे हुए हैं.

इसके साथ ही एक मांग में केंद्रशासित प्रदेश से बाहर फंसे छात्रों को सकुशल निकालना और लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए यात्रियों को केंद्रशासित प्रदेश में कहीं भी जाने की अनुमति देना भी शामिल है.

एलएएचडीसी कारगिल ने इन मांगों को पूरा करने के लिए केंद्रशासित प्रशासन को सात दिन की समयसीमा दी है और मांगों को पूरा नहीं करने की स्थिति में एलएएचडीसी के सदस्यों, पंचायत और नगरपालिका के सदस्यों सहित जिले के निर्वाचित प्रतिनिधियों के सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है.

ज्ञापन में कहा गया, ‘इस बैठक में यह मांग भी की गई कि इन मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा किया जाए, जिसके बाद जिले के निर्वाचित प्रतिनिधि कानून एवं व्यवस्था की किसी भी तरह की समस्याओं के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे.’

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