महाराष्ट्र सरकार ने समाचार पत्रों के वितरण संबंधी नियमों में संशोधन किया

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगाने के पिछले सप्ताह के अपने दिशानिर्देशों में मंगलवार को संशोधन करते हुए कहा कि यह रोक केवल मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे में लागू होगी.

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फोटो: रॉयटर्स

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगाने के पिछले सप्ताह के अपने दिशानिर्देशों में मंगलवार को संशोधन करते हुए कहा कि यह रोक केवल मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे में लागू होगी.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगाने के पिछले सप्ताह के अपने दिशानिर्देशों में मंगलवार को संशोधन किया और कहा कि यह रोक केवल मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे में लागू होगी.

दोनों नगर कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में (हॉटस्पॉट) में हैं.

सरकार के आदेश में कहा गया है कि घरों तक समाचार पत्रों या पत्रिकाओं का वितरण करने वाले मास्क पहनेंगे, सैनेटाइजर का इस्तेमाल करेंगे और सामाजिक दूरी संबंधी नियमों का पालन करेंगे.

इसमें कहा गया है कि एमएमआर और पुणे शहर और अन्य सभी निरूद्ध क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए वहां अखबारों के लोगों के घरों तक वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है.

नवभारत टाइम्स के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच की ओर से महाराष्ट्र सरकार के अखबार वितरण पर प्रतिबंध के फैसले पर सवाल उठाने के बाद राज्य सरकार ने अपने फैसले में बदलाव किया.

बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद बेंच के जस्टिस पीबी वराले ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था.

इसके अलावा इससे पहले पत्रकार एसोसिएशन की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में नागपुर बेंच ने भी सरकार को इसका जवाब देने को कहा था.

अदालत ने सवाल करते हुए कहा था कि प्रिंट मीडिया को लॉकडाउन से छूट दी गई है और अखबारों की घर-घर डिलिवरी पर प्रतिबंध है. इसके पीछे का तर्क समझ नहीं आता कि अखबार छप रहे हैं, लेकिन उन्हें वितरित करने की अनुमति नहीं है.

साथ ही अदालत ने कहा, ‘यह समझ से परे है कि राज्य सरकार दुकान और स्टॉल से अखबार खरीदने की अनुमति दे रही है, फिर अखबार वितरण को अनुमति क्यों नहीं. लोगों को अखबार खरीदने की अनुमति देकर सरकार उन्हें लॉकडाउन के दौरान घर से निकलने का एक बहाना दे रही है. घर-घर अखबार वितरण से यह सुनिश्चित होगा कि कम से कम इस कारण से लोग घर से बाहर नहीं निकलेंगे.’

अखबारों के घर-घर वितरण पर रोक के फैसले पर सरकार को पीसीआई का नोटिस

भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने मंगलवार को महाराष्ट्र में अखबारों और पत्रिकाओं के घर-घर वितरण पर रोक लगाने को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया तथा इस मुद्दे पर सफाई मांगी थी.

पीसीआई के एक बयान के अनुसार उसके अध्यक्ष सीके प्रसाद ने महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर चिंता के साथ संज्ञान लिया.

परिषद ने कहा कि इस आदेश में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 23 मार्च को जारी केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया गया जिसमें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर प्रिंट मीडिया का कामकाज जारी रखने को कहा गया है.

पीसीआई ने भी सभी राज्य सरकारों को लॉकडाउन के दौरान मीडिया का कामकाज सुगमता से संचालित होने देने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा.

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की घरों तक पहुंच सेवा पर 18 अप्रैल को रोक लगाने का फैसला किया था.

सरकार ने अपनी अधिसूचना में राज्य भर में अखबारों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगा दी थी. हालांकि उसमें कहा गया था कि प्रिंट मीडिया को 20 अप्रैल से लॉकडाउन प्रावधानों में छूट दी गई है.

मुंबई प्रेस क्लब ने इसकी निंदा की थी और उसे वापस लेने की मांग की थी. क्लब ने राज्य सरकार से अपील की थी कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, आदेश वापस ले और अखबारों को घर-घर तक पहुंचाने दे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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