विदेशियों को शरण देने के आरोपी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को निलंबित किया गया

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को जिला प्रशासन की अनुमति के बिना ग़ैर-क़ानूनी रूप से विदेशियों को ठहरने की व्यवस्था करने समेत विभिन्न आरोपों में गिरफ़्तार किया गया है.

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Prayagraj: Some among 30 people who were arrested by the police being taken into judicial custody after their screening at a quarantine centre in Prayagraj, Tuesday, April 21, 2020. 30 people including Professor Mohammad Shahid of Allahabad University and 16 foreign Jamatis were arrested on Monday night. (PTI Photo)(PTI21-04-2020_000145B)

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को जिला प्रशासन की अनुमति के बिना ग़ैर-क़ानूनी रूप से विदेशियों को ठहरने की व्यवस्था करने समेत विभिन्न आरोपों में गिरफ़्तार किया गया है.

Prayagraj: Some among 30 people who were arrested by the police being taken into judicial custody after their screening at a quarantine centre in Prayagraj, Tuesday, April 21, 2020. 30 people including Professor Mohammad Shahid of Allahabad University and 16 foreign Jamatis were arrested on Monday night. (PTI Photo)(PTI21-04-2020_000145B)
क्वारंटाइन सेंटर से 30 लोगों को पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत में लिए जाने के बाद एक अस्थायी जेल में रखा गया है. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने और जिला प्रशासन की जानकारी के बिना विदेशियों को शहर में ठहरने की व्यवस्था करवाने के आरोप में गिरफ्तार हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि कुलपति आरआर तिवारी ने शुक्रवार को प्रोफेसर के निलंबन का आदेश दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि यह नियमों के अनुसार है क्योंकि प्रोफेसर 48 घंटे से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में हैं.

ज्ञात हो कि इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने 20 अप्रैल को क्वारंटाइन सेंटर से प्रोफेसर और विदेशियों समेत कुल तीस लोगों को विभिन्न आरोपों में हिरासत में लिया था.

इनमें 16 विदेशी नागरिक हैं, जिनमें सात इंडोनेशिया और नौ थाईलैंड से हैं. गिरफ़्तारी के समय ये सभी क्वारंटाइन सेंटर में तयशुदा अवधि गुजार चुके थे और मेडिकल परिक्षण में इनकी रिपोर्ट में कोरोना नेगेटिव आया था.

स्थानीय अदालत के आदेश पर इन सभी को शहर में बनी एक अस्थाई जेल में भेज दिया है.

पुलिस के अनुसार प्रोफेसर ने दिल्ली में तबलीगी जमात में हिस्सा लेने की बात छुपाई थी, साथ ही लॉकडाउन के बावजूद विदेशी नागरिकों के शहर की एक मस्जिद में रहने की व्यवस्था करवाई थी.

इन दोनों मामलों में दो अलग-अलग थानों में अलग केस दर्ज किए गए हैं. प्रोफेसर के खिलाफ पहला मामला 9 अप्रैल को दर्ज किया गया था, जिसके बाद उन्हें परिवार समेत शहर के एक गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन के लिए भेजा गया है.

बीते 20 अप्रैल को सेंटर से उन्हें गिरफ्तार करने के बाद अगले दिन जेल भेज दिया गया था.

बताया गया है कि शहर के रसूलाबाद के रहने वाले यह प्रोफेसर लंबे समय से तबलीग़ी जमात से जुड़े हैं.

पुलिस के अनुसार, वे कुछ महीनों पहले इथियोपिया गए थे, जहां से लौटकर वे दिल्ली पहुंचे और यहां 6 मार्च से 10 मार्च तक निज़ामुद्दीन मरकज़ में जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

पुलिस का कहना है कि इस बारे में उन्होंने प्रशासन को जानकारी नहीं दी थी. अपनी यात्राओं की जानकारियां छिपाने के आरोप में उन पर महामारी अधिनियम के साथ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

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