पाकिस्तान: भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरंट

पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से बताया गया कि यह वॉरंट जंग मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में जारी किया गया है. नवाज़ शरीफ़ उस समय पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.

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नवाज़ शरीफ (फोटो: रायटर्स)

पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से बताया गया कि यह वॉरंट जंग मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में जारी किया गया है. नवाज़ शरीफ़ उस समय पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.

नवाज़ शरीफ (फोटो: रायटर्स)
नवाज़ शरीफ़ (फोटो: रायटर्स)

लाहौर: पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने जमीन से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के प्रमुख नवाज़ शरीफ़ (70) अभी लंदन में अपना इलाज करा रहे हैं.

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारियों ने बताया कि शरीफ़ ने जंग समूह के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैरकानूनी तरीके से जमीन पट्टे पर दी थी, उस समय शरीफ़ पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.

पीटीआई के मुताबिक जंग ग्रुप जिसे जियो ग्रुप के रूप में भी जाना जाता है दुबई स्थित कंपनी इंडिपेंडेंट मीडिया कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी है.

एनएबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘जंग समूह के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान से जुड़े जमीन के एक मामले में पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज़ शरीफ़ के खिलाफ एनएबी ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. शरीफ़ को नोटिस और प्रश्नावली भेजी गई है. लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.’

एनएबी ने इस मामले में 12 मार्च को मीर शकीलुर रहमान को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह 28 अप्रैल तक ब्यूरो की हिरासत में हैं.

तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज़ शरीफ़ को पिछले साल नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय ने दिल के इलाज के लिए चार हफ्ते के लिए लंदन जाने की इजाज़त दी थी.

नवाज़ शरीफ़ को अल-अज़ीज़िया भ्रष्टाचार के मामले में यह जमानत दी गई थी, जिसमें वे लाहौर के कोट लखपत जेल में 7 साल की सज़ा काट रहे थे.

एक अधिकारी ने बताया कि एनएबी नवाज़ शरीफ़ को अपराधी घोषित करने और उन्हें देश वापस लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अदालत का रुख करेगी.

उन्होंने आगे बताया, ‘शरीफ़ के खिलाफ़ वारंट जारी करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि वो 54-कनाल ज़मीन के मामले में एनएबी के साथ सहयोग नही कर रहे थे. शरीफ़़ ने वो ज़मीन शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से आवंटित किया जब वो पंजाब के मुख्यमंत्री थे.’

शरीफ़ ने लाहौर उच्च न्यायालय को वचन दिया था कि चार हफ्तों के अंदर या फिर जैसे ही वो सफर करने के लिए फिट घोषित किए जाएंगे और पाकिस्तान वापस आ जाएंगे.

शरीफ़ को इम्यून सिस्टम संबंधी बीमारी थी और सरकार के डॉक्टरों के एक पैनल ने इलाज के लिए उन्हें विदेश जाने का सुझाव दिया.

70 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ का इलाज लंदन के रॉयल ब्रॉम्पटन एंड हेरफ़ील्ड अस्पताल में किया गया. उनके निजी डॉक्टर अदनान खान ने एक ट्वीट कर बताया कि दिल की धमनियों से संबंधित एक प्रक्रिया को कोविड महमारी को देखते हुए टाल दिया गया है क्योंकि निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती करने की सीमा को सीमित कर दिया गया है.

गौरतलब है कि तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ़ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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