झारखंड सरकार ने केंद्र से लगाई गुहार, राज्य को नहीं मिल रहे पर्याप्त पीपीई किट, उपकरण और मास्क

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र से एक लाख से ज़्यादा एन-95 मास्क मांगे गए थे लेकिन सिर्फ दस हज़ार मास्क ही दिए गए. 1.34 लाख पीपीई किट की जगह सिर्फ 6,000 किट मिले. साथ ही 300 वेंटिलेटर, 10,000 वीटीएम और थर्मल गन मांगे थे लेकिन अब तक इनमें से कुछ नहीं मिला.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र से एक लाख से ज़्यादा एन-95 मास्क मांगे गए थे लेकिन सिर्फ दस हज़ार मास्क ही दिए गए. 1.34 लाख पीपीई किट की जगह सिर्फ 6,000 किट मिले. साथ ही 300 वेंटिलेटर, 10,000 वीटीएम और थर्मल गन मांगे थे लेकिन अब तक इनमें से कुछ नहीं मिला.

(फोटो: रॉयटर्स)
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रांचीः झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार को बताया कि राज्य को वेंटिलेटर, थर्मल स्कैनर और वीटीएम किट नहीं मुहैया कराई गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य को बेहद कम संख्या में मास्क और पीपीई किट मुहैया कराई गई हैं.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई बातचीत में कहा, ‘हमने केंद्र से 1.1 लाख एन-95 मास्क मांगे थे लेकिन हमें सिर्फ 10,000 मास्क ही दिए गए. हमने 1.34 लाख पीपीई किट मांगी थी लेकिन हमें सिर्फ 6,000 पीपीई किट ही मिले. हमने 300 वेंटिलेटर, 10,000 वीटीएम और थर्मल गन मांगे थे लेकिन हमें अभी इनमें से कुछ नहीं मिला.’

उन्होंने कहा कि राज्य कोरोना से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन एक आदिवासी पिछड़ा गरीब राज्य होने की वजह से इसे केंद्र सरकार की सहायता की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और केंद्र सरकार द्वारा चिह्नित कुछ कंपनियों से हमें जरूरी मेडिकल सामान भी मिल रहा है लेकिन हमें केंद्र सरकार की सहायता की जरूरत है. राज्य में कोरोना से जितने भी लोग संक्रमित हुए थे उनमें से आठ अब ठीक हो गए हैं. मैंने केंद्र सरकार को बताया कि आरटी-पीसीआर मशीनों पर किए जाने वाले टेस्ट के लिए टेस्टिंग और एक्सट्रेक्शन किट की जरूरत है. हमारे पास सिर्फ चार से पांच दिनों का ही स्टॉक बचा है. इनके बिना टेस्ट नहीं हो सकते.’

गुप्ता ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि कुछ सामान भेजा गया है और और बाकी भेजा जाना है. हालांकि झारखंड को हुई मेडिकल सप्लाई के डेटा को लेकर कुछ मतभेद हैं.

मंत्री ने बताया, ‘जब मैंने डेटा में अंतर का मुद्दा उठाया तो कुछ देर के लिए सब शांत हो गए. इसके बाद इस पर कोई बात नहीं हुई.’

उन्होने कहा कि राज्य को कोरोना टेस्ट की प्रक्रिया में तेजी लाने और प्लाज़्मा थेरेपी के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों की जरूरत है.

उन्होंने बताया कि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का मुख्य उद्देश्य स्थिति का जायजा लेना और मुद्दों का समाधान करना था.

उन्होंने कहा, ‘यह अधिक राजनीतिक लगता है कि भाजपा शासित राज्य केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हैं. झारखंड जैसे विपक्षी राज्य आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट जैसे जरूरी सामानों की और सप्लाई की मांग कर रहे हैं लेकिन हमें सिर्फ आश्वासन मिलता है.’