कोरोना संकट से निपटने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका बेहद ज़रूरी है

आज जब समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है. औपचारिक रणनीति में भी उनकी ज़िम्मेदारियां स्पष्ट नहीं हैं, नतीजतन शहरी प्रशासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है.

//
Srinagar: Health workers conduct door-to-door surveillance in a red zone area for COVID-19, amid the nationwide lockdown imposed to contain the spread of the novel coronavirus, in Srinagar, Thursday, April 9, 2020. (PTI Photo/S. Irfan) (PTI09-04-2020_000153B)

आज जब समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है. औपचारिक रणनीति में भी उनकी ज़िम्मेदारियां स्पष्ट नहीं हैं, नतीजतन शहरी प्रशासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है.

Srinagar: Health workers conduct door-to-door surveillance in a red zone area for COVID-19, amid the nationwide lockdown imposed to contain the spread of the novel coronavirus, in Srinagar, Thursday, April 9, 2020. (PTI Photo/S. Irfan) (PTI09-04-2020_000153B)
(फोटो: पीटीआई)

कॉरपोरेटर या पार्षद को अक्सर नगर सेवक कहा जाता है. संविधान के 74वें संशोधन ने पार्षद संगठित स्थानीय शासन प्रणाली को वैधता दी.

उम्मीद थी कि इस संशोधन से शहरी विकास के संवाद  में जो आवाज़ें छूट जाती हैं या कमजोर मालूम पड़ती हैं, जनता के प्रतिनिधियों के माध्यम से उन्हें मज़बूती मिलेगी.

जनता द्वारा चयनित राजनीतिक प्रतिनिधि होने के कारण संकट के समय उनकी ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है.

आज जब शहर और समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है.  औपचारिक रणनीति में उनकी जगह साफ नहीं है.

नतीजतन शहरी शासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है. उदाहरण के लिए अहमदाबाद शहर विविधताओं से पूर्ण है.

अहमदाबाद में 48 वॉर्ड हैं, हर एक वार्ड दूसरे वॉर्ड से भिन्न है. हर वॉर्ड की अपनी समस्याएं हैं और समाधान हैं. इन भिन्नताओं को समझने के लिए ऐसे लोगों की जरूरत है जो वहीं से आते हों और वहां के समाज को समझते हों.

एक प्रशासनिक अधिकारी से इस विस्तार को अकेले संभालने की अपेक्षा नहीं की जा सकती. हर पांच साल में अमदावाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) के चुनाव होते हैं और अहमदाबाद के सभी वॉर्ड से जनता अपने चार प्रतिनिधि एएमसी में भेजती है.

इन प्रतिनिधियों का एक मुख्य काम जनता की परेशानियों को प्रशासन तक पहुंचाना है. उनका दूसरा काम प्रशासन के साथ मिलकर इन परेशानियों के समाधानों पर काम करना भी है.

इस लेख के सह-लेखक शाहनवाज़ शेख़ एएमसी के पार्षद हैं. जब कोरोनावायरस के केस शहर में आने लगे, तो एएमसी इससे निपटने की नीति में इन जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं कर पाई.

एएमसी के अधिकारियों ने इन तक कोई जानकारी नहीं पहुंचाई, न ही उन्हें कोई तय ज़िम्मेदारी भी दी गई.

इसके अलावा कोरोना संकट की वजह से वॉर्ड स्तर पर कॉरपोरेटरों और अधिकारियों की नियमित साप्ताहिक बैठकों को स्थगित कर दिया गया. इन बैठकों का इस्तेमाल इस महामारी से जूझने की तैयारी के लिए हो सकता था.

हालांकि निजी स्तर पर कई जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से संपर्क करके उनसे जानकारी ली और लोगों तक अलग अलग माध्यमों से जानकारी पहुंचाई. अपने संसाधन जुटाकर कई छोटे-बड़े काम किए.

जैसे शाहनवाज़ ने अपने वॉर्ड में मास्क और सैनिटाइज़र की कई किट बांटीं. एक ऑटोरिक्शा में माइक लेकर पूरे वॉर्ड में जागरूकता अभियान चलाया और लोगों से घर में रहने की अपील की.

जो लोग शहर के स्तर पर 60 लाख से अधिक लोगों के लिए रणनीतियां बनाते हैं, उनके लिए हर वॉर्ड को जानना मुमकिन नहीं है. जब रातोंरात लॉकडाउन घोषित हुआ, तो इस वॉर्ड के कई लोग बिना खाने-पीने की व्यवस्था के फंस गए.

शाहनवाज़ ने वॉलंटियर्स का एक नेटवर्क बनाया और स्थानीय लोगों की मदद से सिर्फ अपने वॉर्ड में ही नहीं बल्कि शहर के कई हिस्सों में खाना बाँटने का प्रयास किया. बेघर लोगों को रैन बसेरों में दाख़िल करवाया.

इन सब कामों में पुलिस और प्रशासन की मदद मिली. हालांकि इस पहल में एएमसी से कोई औपचारिक दिशा निर्देश नहीं मिले.

एएमसी की प्रणाली का अंग होने के बावजूद शाहनवाज़ और अन्य जनप्रतिनिधियों को सरकारी क्षेत्र के बाहर से काम करना पड़ा. उन्होंने अपने वॉलंटियर्स के नेटवर्क और आवश्यक संसाधन ख़ुद ही जुटाने पड़े.

जनप्रतिनिधियों की औपचारिक भूमिका न होने का प्रभाव जनता पर भी पड़ा. उन्हें पूरे शहर के लिए चार-पांच हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, एक केंद्र से सारी समस्याओं का हल करने की प्रणाली बनाई गई.

ये हेल्पलाइन अक्सर व्यस्त होती है या फिर लोगों की मदद करने में नाकाम होती है. चूंकि लोगों के लिए पार्षद तक पहुंचना सुलभ होता है, इसलिए हेल्पलाइन से मदद न मिलने पर, लोग अपने वार्ड प्रतिनिधि से संपर्क करते हैं.

कई पार्षद जिनके अपने नेटवर्क या चैनल हैं वो मदद कर पाते हैं लेकिन बाकियों को निराश होकर अपने घरों में ही बैठना पड़ रहा है.

वॉर्ड स्तर पर ऐसे लोगों की मदद ली जा सकती है जो उस विस्तार को अच्छी तरह से जानते हैं. जैसे राशन और दवा जैसी बुनियादी सेवाओं के वितरण के लिए अखबार वाले, दूधवाले, पोस्टमैन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे जमीन पर काम करने वाले लोगों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

वॉर्ड स्तर पर उपलब्ध सामुदायिक हॉल, स्कूल आदि का उपयोग क्वारंटाइन वॉर्ड या शेल्टर होम के लिए किया जा सकता है. इसकी देखरेख में ये जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

Kolkata: Artists paint graffiti on a road to raise awareness about the COVID-19 during nationwide lockdown imposed to contain the coronavirus pandemic, in Kolkata, Thursday, April 9, 2020. (PTI Photo/Swapan Mahapatra) (PTI09-04-2020_000142B)
(फोटो: पीटीआई)

ऐसी ही कामों में मदद के लिए पार्षद, उनके वॉलंटियर, नेटवर्क, सुझावों को रणनीति बनाते वक्त शामिल करना चाहिए. कई जनप्रतिनिधि इस समय काम करना चाहते हैं.

इसीलिए जन प्रतिनिधियों को शासन प्रणाली में शामिल करने के विकल्पों पर विचार करना चाहिए. हर वॉर्ड में एक टीम संगठित की जा सकती है जिसमें प्रशासन और पार्षद दोनों का प्रतिनिधित्व हो.

हर दिन की रिपोर्ट- खाने का वितरण, टेस्ट, क्वारंटाइन आदि- ज़ोन या वॉर्ड स्तर पर उपलब्ध की जानी चाहिए. पूरे सिस्टम को केंद्रित करने की बजाय टीमवर्क को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

विकेंद्रीकरण से जो समस्याएं अभी पर्दे के पीछे हैं, वो सामने आएंगी, पर उन समस्याओं के साथ उनके समाधानों पर चर्चा करने के लिए भी एक बड़ा मंच स्थापित होगा.

इस समय एक प्रणाली बनाने से शहरी प्रबंधन में प्रशासन और जनप्रतिनिधि में एक क्रियात्मक समन्वय स्थापित हो सकता है.

महामारी के इन हालातों में ये ज़रूरी प्रशासन के अथक प्रयासों में पार्षदों से संवाद स्थापित करके लोगों की आवाजों का भी संज्ञान लिया जाए.

जबकि शासकीय प्रबंधन का संवैधानिक ढांचा हर शहर में मौजूद है, ऐसी तात्कालिक परिस्थिति में इसका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए. महानगरपालिकाओं और नगरपालिकाओं द्वारा चयनित प्रतिनिधियों और उनके संसाधनों का कुशल उपयोग किया जाना चाहिए.

इस महामारी और उसके बाद भी सत्ता को बांटकर ही सरकार को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है. प्रशासन को पार्षदों का इस्तेमाल करके सिस्टम को और अधिक विकेंद्रीकृत करके अपना बोझ साझा करना चाहिए.

साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पार्षदों को जवाबदेह ठहराया जाए. यदि और कुछ नहीं है, तो उन्हें संचार के सिस्टम का हिस्सा बनाने की जरूरत है, जिससे वे आम लोगों को सही प्रक्रियाओं की ओर लोगों का मार्गदर्शन कर सकें और उनकी परेशानियों हल कर सकें.

प्रशासन की तरह सभी पार्षद समान रूप से प्रेरित और सक्षम नहीं हो सकते, लेकिन जो असफल होते हैं, उन्हें जनता द्वारा जवाबदेह ठहराया जाएगा, जैसा अधिकारियों के साथ संभव नहीं हो सकता.

चुनावी राजनीति पर चिंताओं को दूर करने के लिए इस समय राजनीतिक प्रतीकों, तस्वीरों आदि का उपयोग न करने का फैसला पार्टियों द्वारा ख़ुद ही लिया जा सकता है.

इस समय तानाशाही और केंद्रीय शासन का परिणाम पूरी दुनिया अनुभव कर रही है. वुहान में डॉक्टर ली वेनलियांग, जिन्होंने कोरोनोवायरस के बारे में दुनिया को सतर्क करने की कोशिश की थी, का दमन (और बाद में दुखद मृत्यु) इसका एक उदाहरण है.

यह समय है कि हम भारत की संवैधानिक संरचना (विशेष रूप से 73वें और 74वें संशोधन) को स्वीकार करें और हमारे सामने खड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए स्थानीय सरकारों को वास्तव में सक्रिय करें.

(अंकुर सरीन आईआईएम, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं और शाहनवाज़ शेख़ अमदावाद महानगरपालिका में काउंसलर हैं.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games slot gacor slot thailand pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq judi bola judi parlay pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq slot gacor slot thailand slot gacor pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot gacor slot gacor bonus new member bonus new member bandarqq domoniqq slot gacor slot telkomsel slot77 slot77 bandarqq pkv games bandarqq pkv games pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq pokerqq bandarqq pkv games dominoqq pokerqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq bandarqq pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq pkv games dominoqq slot bca slot bni bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bri slot mandiri slot telkomsel slot xl depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 slot gacor slot thailand sbobet pkv games bandarqq dominoqq slot77 slot telkomsel slot zeus judi bola slot thailand slot pulsa slot demo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot mahjong slot bonanza slot x500 pkv games slot telkomsel slot bca slot77 bocoran admin jarwo pkv games slot thailand bandarqq pkv games dominoqq bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games dominoqq bandarqq