लॉकडाउनः गुजरात से यूपी जा रही बस सीमा पर रोकने से नाराज मजदूरों ने पुलिस पर पथराव किया

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी लगभग 1,000 प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. ये मजदूर प्रशासन से उनकी घर वापसी की मांग कर रहे थे.

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(फोटोः पीटीआई)

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी लगभग 1,000 प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. ये मजदूर प्रशासन से उनकी घर वापसी की मांग कर रहे थे.

(फोटोः पीटीआई)
(फोटोः पीटीआई)

अहमदाबाद: गुजरात के सूरत से उत्तर प्रदेश जा रही प्रवासी मजदूरों की बसों को गुजरात सीमा पर रोक दिया गया, जिससे भड़के प्रवासी मजदूरों ने गुजरात पुलिस पर पथराव कर दिया.

एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासनिक कारणों से शनिवार को बसों को वड़ोदरा में वाघोडिया के पास हलोल चेकपोस्ट पर रोका गया क्योंकि उनके पास आगे जाने की अनुमति नहीं थी.

उन्होंने बताया कि इससे उत्तेजित मजदूर पुलिस से भिड़ गए और पथराव करने लगे.

वाघोडिया पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश जाने के लिए वैध पास ना होने के कारण बसों को रोक दिया गया था. कुछ मजदूरों ने इसका विरोध करते हुए पत्थर फेंके और हमें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.’

उन्होंने कहा कि आईपीसी की धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात व्यक्तियों पर दंगा, गैरकानूनी जमावड़ा और हमला करने के आरोप लगाए गए हैं.

हालांकि, किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

अधिकारियों ने कहा कि सूरत से उत्तर प्रदेश के रास्ते में आने वाले कई प्रवासी मजदूरों को गुजरात और मध्य प्रदेश में रास्ते में ही रोक दिया गया है क्योंकि अभी तक उन्हें उनके राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य घटना में उत्तरी गुजरात के शामलाजी चेकपोस्ट पर 200 से अधिक प्रवासी मजदूर भी अपने-अपने घर लौटना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया, जिसके बाद कथित तौर पर मजदूर हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया, जिसमें एक कॉन्स्टेबल घायल हो गया.

इसी तरह की एक और घटना मध्य प्रदेश की सीमा पर गुजरात में हुई.

यहां प्रवासी मजदूरों का एक समूह गुजरात (दाहोद) और मध्य प्रदेश (झाबुआ) सीमा पर उस समय हिंसक हो गया, जब गुजरात पुलिस की टीम ने उन्हें चेकपोस्ट पार करने नहीं दिया क्योंकि मध्य प्रदेश पुलिस ने इन प्रवासियों को अपनी सीमा के अंदर उन्हें घुसने की मंजूरी नहीं दी थी.

दाहोद पुलिस ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए अज्ञात प्रवासी मजदूरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.

महाराष्ट्र में हजारों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतरे, घर वापसी की मांग

वहीं, महाराष्ट्र के चंद्रपुर में लगभग 1,000 प्रवासी मजदूर शनिवार को सड़कों पर उतर आए.

मजदूरों ने प्रशासन से उन्हें उनके पैतृक स्थानों पर वापस भेजने की व्यवस्था करने को कहा. इनमें से ज्यादातर भारत के उत्तरी हिस्सों के रहने वाले हैं.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना जिले के बल्लारपुर में सुबह करीब 9.30 बजे हुई.

इसकी सूचना मिलने पर रामनगर पुलिस थाने के कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया.

उन्होंने बताया, ‘लगभग 1,000 मजदूर शनिवार को सड़कों पर उतर आए और उन्हें उनके गृह राज्य भेजने का प्रबंध करने की मांग करने लगे. मजदूरों ने इसके बाद राजमार्ग को अवरुद्ध करने की कोशिश की. उत्तर प्रदेश और बिहार के ये मजदूर अपने-अपने घर लौटना चाहते थे. इनमें से कुछ पश्चिम बंगाल से थे.’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मजदूरों को बताया गया कि अगर वे अपने गृह राज्य लौटना चाहते हैं तो उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा. उन्हें स्पेशल ट्रेन में जगह पाने के लिए आवेदन फॉर्म भरने होंगे.’

अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मजदूरों को भोजन मुहैया कराया गया, जिसके बाद मजदूर लौट गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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