उत्तर प्रदेश सरकार ने मज़दूरों के 12 घंटे काम करने के आदेश को वापस लिया

लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर मज़दूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर से 12 घंटे कर दिया था. इसके इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाख़िल की गई थी, जिस पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया था.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर मज़दूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर से 12 घंटे कर दिया था. इसके इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाख़िल की गई थी, जिस पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया था.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में कामगारों के आठ के बजाए 12 घंटे काम करने संबंधी विवादित आदेश को वापस ले लिया है.

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर होने के बाद कामकाजी घंटों को लेकर सरकारी आदेश को वापस ले लिया गया है.

हालांकि इससे हाल ही में संशोधित श्रम कानूनों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कामकाजी घंटे बढ़ाने का आदेश श्रम कानून में संशोधन से अलग था.

इसी महीने लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के नाम पर तीन साल के लिए विभिन्न श्रम कानूनों से राज्य के उद्योगों को छूट देने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसे लेकर काफी विरोध हो रहा है.

इसके अलावा राज्य सरकार ने आठ मई को अधिसूचना जारी कर मजदूरों के काम के घंटों में बदलाव कर बारह घंटे कर दिया था, जिसके बाद वर्कर्स फ्रंट नाम के संगठन ने इस अधिसूचना के विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया था.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 18 मई निर्धारित की थी.

इसके बाद राज्य सरकार ने 15 मई को इस आदेश को वापस ले लिया.

राज्य के प्रमुख सचिव श्रम ने शुक्रवार को मुख्य स्थायी अधिवक्ता को पत्र भेजकर मजदूरों की काम की अवधि 12 घंटे करने के संबंध में आठ मई की अधिसूचना को निरस्त करने की जानकारी दी.

मालूम हो कि आठ मई को उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में रजिस्टर्ड कारखानों में श्रमिकों के काम करने के घंटे बढ़ाए गए थे.

इस अधिसूचना के मुताबिक, कारखानों में युवा श्रमिकों से एक दिन में अधिकतम 12 घंटे और एक हफ्ते में 72 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाएगा.

हालांकि इस आदेश को वापस लिए जाने के बाद अब एक दिन में अधिकतम आठ घंटे और एक हफ्ते में 48 घंटे काम कराने का पुराना नियम फिर प्रभावी हो गया है.

इसके साथ ही अब आठ घंटे से अतिरिक्त काम कराने पर कारखाना मालिक को अनिवार्य रूप से श्रमिकों को ओवर टाइम देना होगा.