राजस्थान: औरैया हादसे के शिकार मजदूरों की कंपनी पर वेतन देने में देरी का आरोप

उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार को मरने वाले 24 मजदूर राजस्थान के आरएसजी स्टोंस नाम की कंपनी में काम करते थे. कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे देर तक काम करवाया जाता है और वेतन देने में देरी की जाती है.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार को मरने वाले 24 मजदूर राजस्थान के आरएसजी स्टोंस नाम की कंपनी में काम करते थे. कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे देर तक काम करवाया जाता है और वेतन देने में देरी की जाती है.

Jalandhar: Migrants with their luggage wait to board a special train to UP, arranged by the government, during the ongoing nationwide COVID-19 lockdown, in Jalandhar, Friday, May 8, 2020. (PTI Photo) (PTI08-05-2020_000296B)
(फोटो: पीटीआई)

जयपुर: लॉकडाउन के दौरान राजस्थान से अपने घरों को जा रहे 24 मजदूरों की शनिवार तड़के उत्तर प्रदेश के औरैया में ट्रक और डीसीएम वैन की टक्कर में मौत हो गई थी जबकि इस हादसे में 37 मजदूर घायल हो गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस हादसे में मरने वाले मजदूर आरएसजी स्टोंस नाम की कंपनी में काम करते थे, जिसकी राजस्थान के जयपुर में इकाइयां हैं.

आरएसजी स्टोंस में काम करने वाले कर्मचारियों ने वहां देर तक काम करवाए जाने और वेतन देने में देरी की शिकायत की.

जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित आरएसजी इकाई के कर्मचारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें मिलने वाला वेतन अनियमित हो गया है.

अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा, ‘मार्च महीने के लिए हमें केवल 10 दिन का वेतन 17 अप्रैल को मिला. मार्च के बाकी दिनों का वेतन मई के पहले हफ्ते में आया.’

एक अन्य मजदूर ने कहा, ‘मार्च में हमने ओवरटाइम किया और अभी तक उसका पैसा नहीं मिला. अब तो उस बारे में भूल जाएं, यही अच्छा है. अब हमें यह नहीं पता है कि अप्रैल का वेतन कब मिलेगा.’

एक मोबाइल फोन में औरैया हादसे में मरने वाले अपने साथियों की तस्वीरें देखते हुए उन्होंने कहा कि उनके सहकर्मी विश्वकर्मा औद्योगिर क्षेत्र से 44 किलोमीटर दूर स्थित बड़ी इकाई माहलान में काम करते थे.

एक अन्य कर्मचारी ने कहा, ‘हम सुबह सात बजे से शाम के सात बजे तक काम करते थे लेकिन शाम के सात बजे से सुबह के सात बजे तक पूरी तरह से बंदी के केंद्र सरकार के आदेश के बाद प्रबंधकों ने हमारा समय बदलकर सुबह के सात बजे से शाम के छह बजे तक कर दिया ताकि हममें से कुछ समय से वापस जा सकें.’

कर्मचारी ने कहा, ‘महामारी के दौरान हमें अपना खाना भी बनाना पड़ता था और काम भी करना पड़ता है. हमारे लिए कोई राहत या सुविधा नहीं है. अगर हम शिकायत करते हैं तो कहा जाता है कि हम जा सकते हैं.’

उन्होंने कहा कि माहलान में एक ठेकेदार के लिए काम करने वाले उनके सहयोगी भी वेतन से खुश नहीं थे.

आरएसजी स्टोंस की वेबसाइट के अनुसार, वह भारत में एक प्रमुख पत्थर खनन और प्रसंस्करण कंपनी है. उसने पत्थर उद्योग में 25 सालों से अधिक समय तक सफलतापूर्वक काम किया है. इसके साथ ही वह भारत के राजस्थान में संगमरमर और क्वार्ट्जाइट खनन में अग्रणी है.

 

 

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