जेएनयू के लापता छात्र नजीब का पता न चलने पर ठगा-सा महसूस कर रहा है हाईकोर्ट

मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक कुछ न कुछ तो सामने आना ही चाहिए था.

मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक कुछ न कुछ तो सामने आना ही चाहिए था.

Fatima Nafees, Mother of Najeeb Ahmed
नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस. नजीब के परिवार का कहना है कि वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच का काम किसी दूसरी एजेंसी को सौंपा जाए क्योंकि उनका दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद का पता नहीं चलने से वह ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जबकि छात्र के परिवार ने इसकी जांच का दायित्व किसी दूसरी एजेंसी को सौंपने की मांग की है.

जेएनयू का छात्र नजीब अहमद पिछले पांच महीने से लापता है. हाईकोर्ट में जस्टिस जीएस सिस्तानी और जस्टिस विनोद गोयल की पीठ ने कहा, ‘यह काफी अजीब है. उनके लापता होने के पांच से छह महीने गुजर गए हैं. कुछ न कुछ सामने आना चाहिए था, अगर कुछ अनहोनी भी घटी हो, वह भी सामने आना चाहिए था.’

पीठ ने कहा, ‘इसलिए हम ठगा महसूस कर रहे हैं.’

दूसरी ओर, नजीब के परिवार का कहना है कि वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच का काम किसी दूसरी एजेंसी को सौंपा जाए क्योंकि उनका दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है. परिवार का कहना है कि अगर पुलिस इसी तरह से मामले की जांच करती रही है.

सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने तब कहा कि हर लापता व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है. पीठ ने पुलिस से अपने तरीके से लेकिन कानून सम्मत ढंग से जांच करने को कहा.

अदालत ने यह बात नौ छात्रों के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कही जिसमें हाईकोर्ट के 14 दिसंबर और 22 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी. छात्रों के वकील ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने नौ छात्रों का झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच कराने (पॉलीग्राफ टेस्ट) का निर्देश दिया था और इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया.

पीठ ने इस पर कहा कि वह न तो जांच की निगरानी कर रही है और न ही उसे किसी का झूठ पकड़ने वाली मशील से जांच कराने का निर्देश दिया है.

pkv games bandarqq dominoqq