जम्मू कश्मीर: डॉक्टर का पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप, डॉक्टर के ही ख़िलाफ़ केस दर्ज

श्रीनगर में एक वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ का आरोप है कि वे 23 मई को अस्पताल जा रहे थे कि अचानक रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक लिया. डंडे से उनकी पिटाई की गई और पूरा दिन उन्हें पुलिस थाने में रखा गया. उनके खिलाफ पुलिस से दुर्व्यवहार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर में एक वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ का आरोप है कि वे 23 मई को अस्पताल जा रहे थे कि अचानक रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक लिया. डंडे से उनकी पिटाई की गई और पूरा दिन उन्हें पुलिस थाने में रखा गया. उनके खिलाफ पुलिस से दुर्व्यवहार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एक वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ ने पुलिस द्वारा उनसे मारपीट करने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया है.

डॉ. सैयद मकबूल का आरोप है कि वे बीती 23 मई को अस्पताल जा रहे थे कि अचानक रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक लिया.

उनका आरोप है कि डंडे से उनकी पिटाई की गई और उन्हें पूरा दिन पुलिस थाने में रखा गया. उन्होंने कहा कि जब उनके भाई को इस घटना के बारे में पता चला, उसके बाद ही उन्हें पुलिस स्टेशन से जाने दिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने डॉ. मकबूल के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है. पुलिस ने उन पर एक पुलिसकर्मी से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, जिसके बाद इस मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया है.

श्रीनगर के एसएसपी हसीब मुगल ने कहा, ‘ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास करने के मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि मुझे डॉक्टर की ओर से यह शिकायत मिली है और हम इसकी सत्यता की पुष्टि करेंगे. मैंने हजरतबल के एसपी सुधांशु वर्मा से इस मामले में जांच करने को कहा है.’

वहीं, गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सामिया राशिद ने इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाया है.

उन्होंने इस संबंध में सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘पुलिस का व्यवहार बहुत निंदनीय है. इस महामारी के दौर में हम अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारी (डॉक्टर) हमारे जीवन को जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर रहे हैं.’

पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आईजीपी विजय कुमार ने मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारी को तथ्य पेश करने के निर्देश दिए हैं.

बयान में कहा गया, ‘डॉक्टर, पैरामेडिकल कर्मचारी और पुलिस कोविड-19 का मिलकर सामना कर रहे हैं, जो भी घटना हुई है. हम उसकी निष्पक्ष जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे.’

मालूम हो कि इससे पहले बीते मंगलवार को बांदीपोरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ ताजामुल हुसैन ने भी पुलिस द्वारा उन्हें रोके जाने का आरोप लगाया था.

इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

हुसैन ने आरोप लगाया था कि नासू के पास चेक पॉइंट पर उनकी कार रोकी गई और उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया.

पुलिस द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों के उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन

श्रीनगर के शिरीनबाग स्थित एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने कश्मीर में पुलिस द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ मंगलवार को सांकेतिक प्रदर्शन कि ाथा.

डॉक्टरों के हाथ में पोस्टर थे जिन पर लिखा था, ‘वे हमें रोक सकते हैं, हमें पीट सकते हैं, निर्वस्त्र कर सकते हैं, हमें गिरफ्तार कर सकते हैं, लेकिन हम आपके लिए हमेशा रहेंगे.’

इन घटनाओं के खिलाफ डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डीएके) ने एक दिन का बंद बुलाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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