हिमाचल प्रदेश: स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच भाजपा अध्यक्ष का इस्तीफा

हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चिकित्सा उपकरण खरीदने में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था.

राजीव बिंदल. (फोटो: फेसबुक)

हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चिकित्सा उपकरण खरीदने में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था.

राजीव बिंदल. (फोटो: फेसबुक)
राजीव बिंदल. (फोटो: फेसबुक)

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए खरीदे गए चिकित्सा उपकरणों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने बुधवार को ‘नैतिक आधार’ पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

चार महीने पहले ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान संभालने वाले 65 वर्षीय बिंदल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने के कथित आरोपों की पूरी जांच सुनिश्चित करने के लिए मैं अपना पद छोड़ रहा हूं.

उन्होंने इस मामले से किसी तरह का संबंध होने से भी इनकार किया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे इस्तीफे में बिंदल ने कहा कि वे नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नड्डा ने बिंदल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

बिंदल का इस्तीफा स्वास्थ्य विभाग के निदेशक अजय कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद आया है. प्रदेश सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने 43 सेकेंड का एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद गुप्ता को बीते 20 मई को गिरफ्तार किया था. ऑडियो क्लिप में गुप्ता एक अन्य व्यक्ति से पांच लाख रुपये के घूस की मांग कर रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बिंदल ने अपने इस्तीफे में कहा है, ‘हाल ही में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ केस दर्ज करते हुए, उन्हें गिरफ्तार किया है. सतर्कता विभाग की जांच जारी है. इस बीच कुछ लोगों परोक्ष तौर पर भाजपा की ओर उंगली उठाई गई थी.’

उन्होंने आगे कहा है, ‘क्योंकि मैं भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष हूं और हम चाहते हैं कि कथित भ्रष्टाचार मामले की गहराई से जांच हो और यह किसी तरह से प्रभावित न हो, इसलिए मैं नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे रहा हूं. यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सिर्फ मैं ही नैतिक आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं.’

इस बीच विपक्षी कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने ऑडियो क्लिप के आधार पर आरोप लगाया था कि घूस देने की पेशकश करने वाला शख्स सत्ताधारी पार्टी का नेता है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि विपक्ष बिना वजह मुद्दे को उठा रहा है और इसलिए बिंदल ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया है.

हालांकि कांग्रेस ने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार के पाप से मुक्त नहीं हो सकती है.

एक संयुक्त बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ और विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी नैतिक जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं क्योंकि उनके पास स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त प्रभार है. सतर्कता ब्यूरो से कराई जा रही जांच में भरोसा नहीं होने की बात कहते हुए उन्होंने घोटाले की जांच एक मौजूदा हाईकोर्ट जज से कराने की मांग की.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मामले की जांच कर रहीं विशेष जांच इकाई की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि ब्यूरो ने सूत्रों के माध्यम से ऑडियो क्लिप की बातचीत की पुष्टि की है.

उन्होंने कहा, ‘यह जांच फरवरी के बाद से विभिन्न चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है. इन खरीददारों में राज्य के बाहर के लोगों सहित कई आपूर्तिकर्ता शामिल थे.’

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुराग गुप्ता ने कहा कि अजय कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी पूछताछ के बाद की गई थी जिसमें वे साफ-साफ जवाब नहीं दे रहे थे. वे चुनिंदा घटनाक्रमों को याद करने में भी असमर्थता जता रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘गुप्ता के मोबाइल फोन और वॉयस सैंपल दोनों को फोरेंसिक जांच के लिए लेबोरेटरी भेज दिया गया है.’

बिंदल पांच बार विधायक रहे हैं. वह आयुर्वेदिक मेडिसिन और सर्जरी (जीएएमएस) में स्नातक रहे हैं. वह सोलन से तीन बार विधायक चुने गए हैं और वर्तमान में नाहन से दोबारा विधायक बने थे.

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक अजय कुमार गुप्ता को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद डायबिटीज और ब्लडप्रेशर की समस्या की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 26 मई को उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

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