मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर हुई महिला की मौत पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया

पटना हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर दिख रही मृत महिला के बारे में सरकार से जवाब मांगा है. इस बीच खगड़िया ज़िले में गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला और हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरुष की मौत हो गई है.

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फोटो: पीटीआई

पटना हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर दिख रही मृत महिला के बारे में सरकार से जवाब मांगा है. इस बीच खगड़िया ज़िले में गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला और हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरुष की मौत हो गई है.

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पटना: पटना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को प्रवासी कामगारों को गुजरात से बिहार ला रही एक ट्रेन में सवार एक महिला की मौत का स्वत: संज्ञान लिया. इससे पहले एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें इस मृत महिला और उनके बच्चे को दिखाया गया था.

वीडियो लिए जाने तक इस महिला की मौत हो चुकी थी. उनका नाम अरवीना खातून (35) था और वह कटिहार की रहने वाली थीं. वे अपने बहन-बहनोई के साथ श्रमिक एक्सप्रेस से अहमदाबाद से बिहार आ रही थीं.

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने एक अखबार की खबर का संज्ञान लिया जो एक पत्र के माध्यम से उन तक पहुंचायी गयी थी. अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता एसडी यादव को इस मामले में विवरण देने का निर्देश दिया था.

इसके बाद में यादव ने अदालत को सूचित किया कि मृतक महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और सूरत से यात्रा करते समय उसकी स्वाभाविक रूप से मृत्यु हुई.

यादव ने अदालत को सयह भी बताया कि यह बात एक तथ्य है जिसकी सूचना उसकी बहन और बहनोई ने की है. इस महिला न तो कोई पोस्टमार्टम किया गया और न ही कोई प्राथमिकी दर्ज की गयी.

मुजफ्फरपुर स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों ने परिजनों के बयान दर्ज कर शव को घर ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी. जिला प्रशासन ने आगे की यात्रा के लिए उन्हें एम्बुलेंस भी प्रदान करवाई.

यादव ने बताया कि महिला कटिहार की रहने वाली थी और अपने पति द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद अपनी बहन और बहनोई के साथ रह रही थी. उसका अनाथ बच्चा अब उसकी बहन के संरक्षण में रह रहा है.

यादव ने यह भी कहा कि फिर भी वे संबंधित अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखेंगे और पता करेंगे कि परिवार को किसी मदद की आवश्यकता तो नहीं है.

अदालत ने यह देखते हुए कि महिला का बच्चा सुरक्षित संरक्षण में, कोई और आदेश न देते हुए अगली सुनवाई के लिए तीन जून की तारीख तय की है.

दो और प्रवासियों की मौत

जबसे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलनी शुरू हुई हैं, तबसे करीब 20 लाख मजदूर राज्य में वापस लौट चुके हैं. हालांकि इस बीच कई परेशानियों का सामान करने की भी बात सामने आई और कुछ मजदूरों की जान भी गई.

गुरुवार को खगड़िया जिले में इसी तरह की दो और घटनाएं और प्रकाश में आयी हैं. गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला तथा हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरूष की मौत हो गयी.

सोमवार को मुजफ्फरपुर स्टेशन पर कटिहार की अरवीना खातून के अलावा एक पांच साल के बच्चे की भी मौत हो गई थी. इस बच्चे के पिता बच्चे के लिए दूध का इंतजाम नहीं कर सके, जब बच्चे ने मां की गोद में दम तोड़ दिया।

ज्ञात हो कि बुधवार को प्रशासन ने बताया था कि बीते सोमवार से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली अलग-अलग ट्रेनों में नौ लोगों की मौत हुई है.

कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान श्रमिक लगातार त्रासदियों का शिकार हो रहे हैं. बीते दिनों केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक विशेष ट्रेनों की शुरुआत की थी.

लेकिन परेशानियों का सामना करने बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार होने वाले प्रवासी श्रमिकों को न सिर्फ खाने-पीने के सामानों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है बल्कि रेलवे द्वारा रूट बदलने के कारण ट्रेनें कई दिनों की देरी से अपने गंतव्य तक पहुंच रही हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)