उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में क्वारंटीन सेंटर से भागकर प्रवासी मज़दूर ने फांसी लगाई

पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मज़दूर छह माह पहले गुजरात के सूरत में मज़दूरी करने चले गए थे. 20 मई को वापस आने पर उन्हें उनके गांव में बने सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था.

पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मज़दूर छह माह पहले गुजरात के सूरत में मज़दूरी करने चले गए थे. 20 मई को वापस आने पर उन्हें उनके गांव में बने सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था.

Banda

बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा में तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर ने वहां से घर भागकर  कथित रूप से आत्महत्या कर ली.

तिंदवारी थाने के प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार सुबह जौहरपुर गांव के पृथक केंद्र से भागकर प्रवासी मजदूर जगदीश निषाद (35) ने अपने ससुराल जाकर फांसी लगा ली. उसके शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है और मामले की जांच की जा रही है.

उन्होंने बताया कि मूलतः नरी गांव का रहने वाले जगदीश पिछले कई सालों से जौहरपुर गांव में अपने ससुराल में परिवार सहित रह रहे थे. छह माह पहले वह गुजरात के सूरत में मजदूरी करने चले गए थे और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए.

एसएचओ ने बताया कि उनकी किसी तरह 20 मई को घर वापसी हुई थी और उन्हें गांव में बनाए गए सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था, जहां से बुधवार की रात भागकर वह अपने ससुराल पहुंचे और बृहस्पतिवार की सुबह उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के चलते आत्महत्या करने की वजह पता चली है.

बता दें कि बीती 27 मई को बांदा जिले में कथित रूप से आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लॉकडाउन के चलते लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश कुछ दिन पहले दिल्ली से घर लौटे थे. वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे.

इससे पहले 25 मई को इसी जिले के बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे में एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

मजदूर के पिता के अनुसार उनका बेटा मिस्त्री का काम किया करता था, लेकिन पिछले दो माह से कोई काम न मिलने से बेरोजगार था. इसी से परेशान होकर उसने संभवत: यह कदम उठाया.

इससे पहले 22 मई को कमासिन थाना क्षेत्र के मुसीवां गांव के सुनील (19) ने होम-क्वारंटीन में फांसी लगा ली थी. वह कुछ रोज पहले ही मुंबई से लौटे थे.

पुलिस ने बताया था कि वह मुंबई की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे और लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्री बंद हो जाने पर घर लौट आए थे. पुलिस ने कहा था कि आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है और वे जांच कर रहे हैं.

उससे पहले 14 मई को तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के सूरज (25) ने अपने घर में फांसी लगा ली थी. उनके पिता ने बताया था कि वे आगरा में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. पिछले महीने लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गई और वो वापस घर लौट आए, लेकिन यहां काम नहीं मिला तो तनाव में रहने लगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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