उत्तर प्रदेश: बांदा ज़िले में गुजरात से लौटे प्रवासी मज़दूर की मौत, कोरोना की आशंका

जिला प्रशासन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान गुजरात के वापी शहर से अपने गांव लौटे इस श्रमिक को आने के बाद खांसी, ज़ुकाम और बुखार हुआ था. मंगलवार को सांस लेने में परेशानी होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई.

/

जिला प्रशासन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान गुजरात के वापी शहर से अपने गांव लौटे इस श्रमिक को आने के बाद खांसी, ज़ुकाम और बुखार हुआ था. मंगलवार को सांस लेने में परेशानी होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई.

Banda

बांदा: लॉकडाउन के दौरान गुजरात से लौटे एक प्रवासी मजदूर की बुधवार को मौत हो गयी है. वह खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित था. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

अतर्रा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) जेपी यादव ने गुरुवार को बताया कि लॉकडाउन के दौरान गुजरात के वापी शहर से 25 मई को अपने गांव खंभौरा लौटे प्रवासी मजदूर जगन्नाथ कुशवाहा (24) की बुधवार को अतर्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के दौरान मौत हो गयी.

अमर उजाला के मुताबिक लॉकडाउन में काम बंद हो जाने और दादी की मृत्यु की खबर पाकर वह 25 मई को घर लौट आया था. 12 जून को खुद मृतक की शादी होनी थी.

गुजरात से लौटते ही उन्हें खांसी-जुकाम और बुखार हो गया था. मंगलवार को सांस लेने में तकलीफ होने पर अतर्रा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था.

जेपी यादव ने बताया कि परिजन उसका अंतिम संस्कार करने ही वाले थे कि इसी दौरान ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने शव कब्जे में लेकर जिला मुख्यालय भेज दिया, जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए शव से सैंपल लेने के बाद बिना पोस्टमोर्टम कराए उसे फिर से अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है.

अतर्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी देव तिवारी ने बताया कि युवक को खांसी, जुकाम और बुखार के अलावा सांस लेने में दिक्कत थी. उसे एंबुलेंस के जरिए मंगलवार रात इलाज के लिए सीएचसी लाया गया था, जहां इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई.

उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि मृत प्रवासी मजदूर के शव से कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर झांसी भेज दिया गया है और जांच रिपोर्ट आने तक सभी परिजन और उसके संपर्क में आने वाले लोगों को पृथक-वास में रहने के लिए कहा गया है.

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक राज्य में लॉकडाउन के चलते लौटे 3 प्रतिशत मज़दूरों में ही कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

रिपोर्ट कहती है कि राज्य सरकार ने अब तक कुल तीन लाख चार हजार से ज्यादा कोविड-19 टेस्ट किए हैं, जिसमें से करीब 77,416 कोरोना टेस्ट प्रवासी मजदूरों के हैं, जो अलग-अलग राज्यों से लौटे हैं. इनमें से 2,466 प्रवासी मजदूरों में ही कोरोना संक्रमण देखने को मिला है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)