पीएनबी घोटाला: अदालत ने नीरव मोदी की संपत्ति कुर्क करने की अनुमति दी

भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रभाव में आने के बाद यह देशभर में पहला ऐसा मामला है, जब इसके तहत किसी की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया गया है. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में ईडी की याचिका पर विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था.

(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रभाव में आने के बाद यह देशभर में पहला ऐसा मामला है, जब इसके तहत किसी की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया गया है. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में ईडी की याचिका पर विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था.

(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)
(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

मुंबई: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने यहां सोमवार को भगोड़ा घोषित हीरा कारोबारी नीरव मोदी की करीब 1400 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को कुर्क करने की अनुमति दे दी है.

अदालत ने भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) की धाराओं के तहत यह आदेश दिया है. एफईओए के प्रभाव में आने के दो साल बाद यह देशभर में पहला ऐसा मामला है जब इस कानून के तहत किसी की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया गया है.

विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. सी. बारडे ने प्रवर्तन निदेशालय को मोदी की उन परिसंपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए हैं जो पीएनबी के पास गिरवी नहीं हैं.

अदालत ने कहा कि निदेशालय को एक माह के भीतर एफईओए की धाराओं के तहत इन परिसंपत्तियों को जब्त कर लेना चाहिए.

ज्ञात हो कि पीएनबी से 13,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था.

विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरे ऐसे कारोबारी थे, जिन्हें नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.

मालूम हो कि जनवरी 2018 में पीएनबी घोटाले के उजागर होने के बाद से सीबीआई और ईडी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी की जांच कर रही है. नीरव और उसका मामा मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक से तकरीबन 14,000 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं जो गारंटी पत्र जारी करने में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है.

पीएनबी ने आरोप लगाया है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने धोखाधड़ी की है, जिसकी वजह से पीएनबी को दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है.

दोनों जनवरी 2018 में ही जांच शुरू होने से पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे. नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था, तबसे वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है. उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अभी लंबित है.

मोदी भारत में करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में वांछित है. इससे पहले 14 मई को ब्रिटेन की अदालत ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले पर सुनवाई सितंबर तक टाल दी थी. अदालत अब इस मामले पर सुनवाई सात सितंबर से दोबारा शुरू करेगी.

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के जिला जज सैमुअल गूजी ने 49 वर्षीय मोदी को दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल से उनकी 28 दिन की रिमांड सुनवाई कॉल पर वीडियो लिंक के जरिये पेश होने की तारीख 11 जून तय की थी.

मई के आखिरी हफ्ते में इंटरपोल ने नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को फिर से सार्वजनिक किया था. निहाल ने इंटरपोल द्वारा इसे जारी किए जाने के खिलाफ पिछले वर्ष अपील की थी लेकिन हाल में उसकी अपील नामंजूर हो गई, जिसके बाद इसे सार्वजनिक किया गया.

अधिकारियों ने बताया था कि बेल्जियम के नागरिक निहाल दीपक मोदी के सीबीआई द्वारा उनके बड़े भाई द्वारा पीएनबी के साथ कथित तौर की गई धोखाधड़ी के मामले में वह वांछित है. सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र में निहाल के नाम का जिक्र 27वें आरोपी के तौर पर किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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