मेडिकल स्टाफ की तकलीफों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोरोना योद्धाओं को असंतुष्ट नहीं किया जा सकता

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उचित व्यवस्था और वेतन नहीं मुहैया कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.

Vijayawada: Healthcare workers prepare themselves to collect the swab samples of passengers returning to Vijayawada by Konark Express train, inside a mobile swab collection bus at Vijayawada Railway Station, during the ongoing COVID-19 lockdown, in Vijayawada, Tuesday, June 2, 2020. (PTI Photo)(PTI02-06-2020 000165B)

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उचित व्यवस्था और वेतन नहीं मुहैया कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.

Vijayawada: Healthcare workers prepare themselves to collect the swab samples of passengers returning to Vijayawada by Konark Express train, inside a mobile swab collection bus at Vijayawada Railway Station, during the ongoing COVID-19 lockdown, in Vijayawada, Tuesday, June 2, 2020. (PTI Photo)(PTI02-06-2020 000165B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कोविड-19 मरीजों की इलाज में लगे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को उचित आवास और क्वारंटीन सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई है. इसके अलावा मेडिकल स्टाफ की सैलरी से जुड़ी समस्याओं का भी जल्द समाधान करने को कहा गया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के दौरान डाक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को उचित व्यवस्था और वेतन नहीं मुहैया कराने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे अपने सुझावों और चिंताओं को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने पेश करें और मंत्रालय इस पर प्रभावी कार्रवाई करे.

जस्टिस अशोक भूषण, एसके कौल और एमआर शाह की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि ये मामला डॉक्टरों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है और सरकार को इसमें और कदम उठाने चाहिए.

लाइव लॉ के मुताबिक कोर्ट ने कहा, ‘कोरोना से जंग में हम योद्धाओं को असंतुष्ट नहीं कर सकते हैं. डॉक्टरों को पेमेंट नहीं किया जा रहा, ऐसी चीजें सामने आ रही हैं, ये सब क्या है? मुझे नहीं लगता कि जो हो रहा है वो होना चाहिए. स्वास्थ्यकर्मियों की चिंताओं का जरूर समाधान किया जाना चाहिए.

डॉ. जेरिल बनैत, डॉ. आरुषि जैन और एडवोकेट अमित साहनी द्वारा दायर जनहित याचिका में कोविड-19 मरीजों की इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को उचित आवास और क्वारंटीन सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई है.

एनडीटीवी के मुताबिक कोर्ट ने कहा, ‘ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि कई क्षेत्रों के डॉक्टरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है. हमने रिपोर्ट देखी कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. दिल्ली के डॉक्टरों को तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया है. ये चिंताएं हैं जिन पर सरकार को कदम उठाना चाहिए था. इसके लिए अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होनी चाहिए.’

इसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हलफनामा दायर कर दावा किया कि वैसे तो सरकार द्वारा उचित कदम उठाए गए हैं, लेकिन खुद को सुरक्षित रखने की अंतिम जिम्मेदारी डॉक्टरों पर ही है.

इस पर वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन कहा कि ऐसा कहना पर्याप्त नहीं है और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष निर्देश और सुझाव दिए जाने चाहिए, ताकि उनके परिजनों को कोई खतरा न हो.

कोर्ट ने कहा कि कुल मिलाकर दो सवालों का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए. पहला ये कि कोरोना मरीजों को देख रहे हाई रिस्क वाले डॉक्टरों के परिजनों तक संक्रमण पहुंचने से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए. दूसरा ये कि डॉक्टरों के उचित आवास कि व्यवस्था किस तरह की जाए ताकि उन्हें समस्या न हो.

कोर्ट ने केंद्र से कहा है इन विषयों का जल्द समाधान किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.