उत्तर प्रदेश: हमीरपुर में बेरोज़गारी से परेशान युवक ने फांसी लगाई

मामला हमीरपुर ज़िले के गढ़रौली गांव का है. 22 वर्षीय युवक स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी.

मामला हमीरपुर ज़िले के गढ़रौली गांव का है. 22 वर्षीय युवक स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी.

Hamirpur

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बेरोजगारी से परेशान एक युवक ने खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि युवक के पिता पर डेढ़ लाख रुपये का कर्ज़ भी था. इस वजह से वह परेशान रहते थे. पुलिस घटना की जांच कर रही है.

मुस्करा थाना क्षेत्र के गढ़रौली गांव में बीते 14 जून को एक युवक ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि अरुण विश्वकर्मा (22) का शव शनिवार को खेत में लगे एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया.

मृतक के पिता रामप्रकाश विश्वकर्मा के हवाले से उन्होंने बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अरुण नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी, जिससे परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.

पुलिस को राम प्रकाश ने यह भी बताया कि उनके पास कुल तीन बीघा कृषि भूमि है, जिसकी पैदावार से पूरे परिवार का गुजर-बसर होता है. उन्होंने बैंक से डेढ़ लाख रुपये कर्ज़ लेकर पिछले साल बेटी की शादी की थी. यह कर्ज भी अभी बाकी है. राम प्रकाश के मुताबिक उनका बेटा इस कर्ज की अदायगी के लिए भी परेशान रहता था.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से बनी परिस्थितियों के कारण लगातार आत्महत्या की खबरें आ रहीं हैं.

बीते 9 जून को उत्तर प्रदेश के बलिया और बांदा ज़िलों में दो मजदूरों ने कथित तौर पर आर्थिक मंदी से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या की थी.

बीते आठ जून को बांदा जिले में एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी थी. लॉकडाउन के कारण वह हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद शहर से लौटे थे. घटना मरका थाना क्षेत्र के मऊ गांव में हुई और मृतक की पहचान 19 वर्षीय उदय गुप्ता के रूप में हुई थी.

बीते तीन जून को बांदा ज़िले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव में कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बचा लिया गया था. महिला के पति ने एक महीने पहले ही जान दे दी थी.

बीते पांच जून को मुज़फ्फरनगर जिले में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से परेशान एक गन्ना किसान ने आत्महत्या की थी. उनकी पहचान 50 वर्षीय ओमपाल सिंह के रूप में हुई थी.

बीती 29 मई को राज्य के लखीमपुर खीरी ज़िले में लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए एक 50 वर्षीय शख्स ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है.

मृतक की पहचान ज़िले के मैगलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले भानु प्रकाश गुप्ता के रूप में की गई है. वह शाहजहांपुर के एक होटल में काम करते थे.

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पिछले एक पखवाड़े के दौरान आठ से नौ लोगों के आत्महत्या करने की खबरें चुकी हैं.

इसी तरह बीती 28 मई को उत्तर प्रदेश में ही बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर ने वहां से भागकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.

उनकी पहचान 35 वर्षीय जगदीश निषाद के रूप में हुई थी. वह सूरत में मजदूरी का काम करते थे. पुलिस ने बताया था कि पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के चलते आत्महत्या करने की वजह पता चली है.

बीती 27 मई को बांदा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लॉकडाउन के चलते लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश कुछ दिन पहले दिल्ली से घर लौटे थे. वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे.

इससे पहले 25 मई को इसी ज़िले के बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे में एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इससे पहले 22 मई को कमासिन थाना क्षेत्र के मुसीवां गांव के सुनील (19) ने होम-क्वारंटीन में फांसी लगा ली थी. वह कुछ रोज पहले ही मुंबई से लौटे थे.

इसी तरह 14 मई को तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के 25 वर्षीय सूरज ने अपने घर में फांसी लगा ली थी. वह आगरा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, जो लॉकडाउन के कारण बंद हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)