जेलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आइसोलेशन वार्ड बने, रैपिड टेस्टिंग हो: समिति

कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये समिति बनाई गई थी. समिति ने क़ैदियों को ज़मानत या पैरोल देने के मानदंडों में भी ढील दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये समिति बनाई गई थी. समिति ने क़ैदियों को ज़मानत या पैरोल देने के मानदंडों में भी ढील दी है.

jail prisoners-reuters-1200x600
(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए बनाई गई एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने निर्देश दिया है कि संक्रमण को रोकने के लिए जेल स्टाफ और नए कैदियों की तेजी से जांच (रैपिड टेस्टिंग) की जाए और अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएं.

आईएएनएस के मुताबिक समिति ने अपने एक आदेश में कहा, ‘समिति की राय है कि स्थिति से निपटने के लिए और जेल में पहले से ही रह रहे कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए ‘रैपिड टेस्टिंग’ की जानी चाहिए. इस निर्देश पर जेल महानिदेशक ने आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘रैपिड टेस्ट’ कराने पर सहमति जताई है.’

इस समिति की अध्यक्ष दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली हैं और तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल, प्रमुख सचिव (गृह) सत्य गोपाल तथा कंवलजीत अरोड़ा इसके सदस्य हैं. कोरोना वायरस के मद्देनजर जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये समिति बनाई गई थी.

जस्टिस हिमा कोहली की अगुवाई वाली समिति ने 55 साल से अधिक उम्र के कैदियों के संबंध में अतिरिक्त एहतियात बरतने के लिए जेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

समिति ने कहा कि 18 और 21 आयु वर्ग के बीच नए कैदियों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए और जेल महानिदेशक तथा दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (गृह) से कहा कि वे मंडोली जेल के निकट नए कैदियों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाने और कोविड संक्रमित कैदियों को रखने के लिए 360 खाली पुलिस क्वार्टर का प्रबंध करने के लिए प्रयास करें.

नए कैदियों के बीच वायरस फैलाने से रोकने के लिए समिति की राय है कि हर नए कैदी की तेजी से जांच किए जाने की जरूरत है.

जेलकर्मियों के जरिये कैदियों के बीच इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए समिति का कहना था कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुसार कर्मचारियों की जांच की जाए.

इसके अलावा समिति ने जेल महानिदेशक को यह भी निर्देश दिया कि आईसीएमआर और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों के आधार पर सभी जेल स्टाफ और कैदियों की समय-समय पर मेडिकल चेकअप की जानी चाहिए.

मौजूदा स्थिति को देखते हुए और कोविड-19 वायरस को जेल में फैलने से रोकने के लिए समिति ने कहा कि अंतरिम जमानत/पैरोल देने के मानदंड में और ढील दी जाएगी.

समिति ने अब इस राहत के लिए विभिन्न नई श्रेणियों को शामिल किया है, जिनमें उन विचाराधीन कैदियों को भी शामिल किया गया है जिन पर आईपीसी की धारा 498ए और 304बी के तहत मुकदमा चल रहा है और वे दो साल से अधिक समय से जेल में हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25