उत्तर प्रदेश: बांदा में प्रवासी मज़दूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

मामला बांदा ज़िले के बिसंडा थाना क्षेत्र के अमलोहरा गांव का है. 35 वर्षीय मज़दूर 20 दिन पहले ही गुजरात के सूरत शहर से लौटे थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला बांदा ज़िले के बिसंडा थाना क्षेत्र के अमलोहरा गांव का है. 35 वर्षीय मज़दूर 20 दिन पहले ही गुजरात के सूरत शहर से लौटे थे.

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बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में आत्महत्याओं का सिलसिला जारी है. जिले के बिसंडा थाना क्षेत्र के अमलोहरा गांव में सूरत से लौटे प्रवासी मजदूर ने शुक्रवार को अपने घर में कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है.

बिसंडा थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी ओरन के प्रभारी उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह ने शनिवार को बताया कि अमलोहरा गांव में शुक्रवार को मणिशंकर मिश्रा (35) ने अपने कच्चे खपरैल के घर में लगी लकड़ी से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है.

मृतक के पिता शंभू के हवाले से उन्होंने बताया कि मनीशंकर पत्नी के साथ गुजरात के सूरत शहर में रहकर साड़ी कंपनी में छपाई का काम करता था. काम बंद होने पर 20 दिन पहले ही गांव लौटा था.

सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार कोरोना वायरस और लॉकडाउन से बनी परिस्थितियों में आत्महत्या की खबरें आ रही हैं. बांदा जिले में लॉकडाउन के दौरान 19 से 20 लोगों के आत्महत्या करने की खबरें आ चुकी हैं.

बीते 25 जून को बांदा और चित्रकूट जिलों अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. एक घटना में बांदा जिले के अतर्रा थाना क्षेत्र के बरेंहड़ा गांव के पतारी पुरवा में बीमारी और कर्ज से परेशान एक बुजुर्ग किसान ने पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य घटना में जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के सहेवा गांव में एक व्यक्ति ने कोई जहरीला पदार्थ पी लिया, जिससे उनकी मौत हो गई.

वहीं, चित्रकूट ज़िले के भुईहरी माफी गांव में गुजरात के सूरत शहर से लौटे प्रवासी मज़दूर ने आर्थिक तंगी और गृहकलह से परेशान होकर फांसी लगा ली थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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