कर्नाटक: 36 घंटे में 50 अस्पतालों ने किया भर्ती करने से इनकार, अस्पताल के गेट पर मरीज़ की मौत

मामला बेंगलुरु का है, जहां 52 वर्षीय कपड़ा व्यापारी को तेज़ बुखार और सांस लेने में समस्या हुई थी. उनके भतीजे ने बताया कि वे उन्हें दो दिन एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए, 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन सभी जगह उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया.

/
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

मामला बेंगलुरु का है, जहां 52 वर्षीय कपड़ा व्यापारी को तेज़ बुखार और सांस लेने में समस्या हुई थी. उनके भतीजे ने बताया कि वे उन्हें दो दिन एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए, 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन सभी जगह उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में 36 घंटे तक 50 अस्पतालों में भर्ती होने के असफल प्रयास के बाद एक 52 वर्षीय शख्स ने एक अस्पताल के बाहर दम तोड़ दिया.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 52 वर्षीय इस शख्स को तेज बुखार था और सांस लेने में समस्या थी और उनके भतीजे उन्हें लेकर 18 अस्पतालों में गए और 30-32 अस्पतालों में फोन करके भर्ती करने के लिए पूछताछ की.

बेंगलुरु के ऑस्टिन टाउन स्थित वन्नारपेट के कपड़े के व्यापारी और नागरथपेट निवासी शख्स के भतीजे ने बताया कि वह अपने चाचा को शनिवार और रविवार को एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए जहां उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया गया.

इसी दौरान उन्होंने 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन वहां भी भर्ती करने से इनकार कर दिया गया. कपड़ा व्यापारी को बीते शनिवार से तेज बुखार था और सांस लेने में समस्या हो रही थी.

भतीजे के अनुसार, ‘वह उन्हें एंबुलेंस में लेकर कनिंघम रोड पर स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल में गए. अस्पताल ने बेड न होने की बात कहते हुए थोड़ी दूर स्थित एक अन्य अस्पताल ले जाने के लिए कहा.’

भतीजे ने कहा, ‘शनिवार को पूरे दिन अस्पताल ढूंढते रहे. यहां तक कि बॉरिंग एंड लेडी कर्जन हॉस्पिटल ने यह कहते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया कि कोविड-19 टेस्ट के बाद ही वे भर्ती करने के बारे में सोच सकते हैं. हम चाचा को भर्ती करवाने के लिए उनके पैरों पर गिर पड़े लेकिन वह भी काम नहीं आया.’

उन्होंने बताया, ‘हम रात 10 बजे तक घर लौट आए. तब तक हमने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर ली थी. रातभर परेशान रहने के बाद रविवार सुबह हम उन्हें राजाजीनगर के एक लैब लेकर गए जहां उनका कोविड-19 परीक्षण करवाया गया. कोरोना टेस्ट के बाद हमने अस्पतालों की खोज शुरू की. इस दौरान हमने प्रभावशाली लोगों को कॉल करने का प्रयास किया. हालांकि, कुछ भी नहीं हुआ.’

उन्होंने आगे बताया, ‘रविवार को लगभग रात 8 बजे हम बॉरिंग एंड लेडी कर्जन हॉस्पिटल लौट आए. हमने उन्हें दलील की कि उन्हें भर्ती कर लें और हमने उन्हें टेस्ट देने की रसीद भी दिखाई. इसके बाद वे भर्ती करने के लिए तैयार हो गए. हालांकि, उनके भर्ती करने से पहले ही उन्होंने अस्पताल के दरवाजे पर ही दम तोड़ दिया.’

कोविड टेस्ट का परिणाम आने के इंतजार में शव को बॉरिंग एंड लेडी कर्जन हॉस्पिटल के शवगृह में रखा गया है. परिजन अब उनके कोविड टेस्ट का परिणाम आने का इंतजार कर रहे हैं.

भतीजे ने कहा, ‘हमें नहीं पता है कि हमारे चाचा कोविड-19 से संक्रमित थे या वायरस द्वारा पैदा हुए भय के माहौल के कारण हमने उन्हें खो दिया.’

उन्होंने कहा, ‘दो दिनों में उन्होंने शहर में 150 किलोमीटर की दूरी तय की होगी. हम सभी प्रतिष्ठित अस्पतालों में गए जिनका आप नाम ले सकते हैं. हम जैसे ही कहते थे कि सांस लेने में समस्या का मामला है वैसे ही वे हमें बिल्डिंग में घुसने तक से रोक देते थे. वे कहते थे कि कोई आईसीयू या बेड खाली नहीं है. हम नहीं चाहते हैं कि अन्य लोग भी इसी तरह की परेशानी से गुजरें. सरकार को निश्चित तौर पर इसका समाधान ढूंढना होगा.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq