कोविड-19: इंदौर में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा, हर सौ में से पांच मरीज़ों की मौत

मध्य प्रदेश में इंदौर कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में है. आंकड़ों के मुताबिक यहां कोविड-19 मरीज़ों की मृत्यु दर गुरुवार सुबह लगभग पांच फीसदी थी, जो मौजूदा राष्ट्रीय औसत से दो फीसदी अधिक है.

(फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश में इंदौर कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में है. आंकड़ों के मुताबिक यहां कोविड-19 मरीज़ों की मृत्यु दर गुरुवार सुबह लगभग पांच फीसदी थी, जो मौजूदा राष्ट्रीय औसत से दो फीसदी अधिक है.

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(फोटो: पीटीआई)

इंदौर: देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल मध्य प्रदेश के इंदौर में संक्रमण के रोजाना सामने आने वाले मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन मरीजों की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने गुरुवार को बताया, ‘हमें जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान 1,259 नमूनों की जांच में कोविड-19 के 19 नए मरीज मिले हैं.’

उन्होंने बताया कि इन 19 नए मामलों के साथ ही जिले में संक्रमितों की कुल तादाद 4,734 से बढ़कर 4,753 हो गयी है.

सीएमएचओ ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 68 वर्षीय महिला समेत चार और मरीजों की अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद जिले में इस महामारी की चपेट में आने के बाद दम तोड़ने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 236 पर पहुंच गई है.

सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिले में कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर गुरुवार सुबह लगभग पांच फीसदी थी. यह 2.95 प्रतिशत के मौजूदा राष्ट्रीय औसत से दो फीसदी से ज्यादा है.

स्वास्थ्य विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिले में कोविड-19 से मरने वालों में ज्यादातर लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले थे. वे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और सांस संबंधी रोग सरीखी पुरानी बीमारियों से पहले ही जूझ रहे थे.

इस बीच, जिले में अब तक कुल 3,576 लोग इलाज के बाद इस महामारी के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. नतीजतन, उपचार के बाद मरीजों के इस महामारी से उबरने की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर करीब 75 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.

जिले में इस प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.

मालूम हो कि बीते अप्रैल महीने में भी इंदौर में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या के मामले में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा थी. उस समय के आंकड़ों के मुताबिक जिले में कोविड-19 से मृत्यु दर की स्थिति में 5.8 प्रतिशत थी जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा थी.

इसके अलावा अप्रैल की शुरुआत में मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर साढ़े सात प्रतिशत थी, जो राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी से मृत्यु दर (करीब 3.25 प्रतिशत) से दोगुने से भी ज्यादा थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)